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Health Alert : चीज़ें भूलने लगे हैं, तो इसे हल्के में न लें

बढ़ती आयु के साथ भूलने की समस्या बढ़ रही है खास कर बुजुर्गों को अपने चपेट में ले लेती है। यह अल्जाइमर नामक रोग है जो एक मानसिक रोग है जिसमें मरीज की याददाश्त कमजोर हो जाती है और साथ ही उसके मस्तिस्क पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।

पहले इस बीमारी को बुजुर्गों की बीमारी समझा जाता था लेकिन अब ये 40 और इससे कम उम्र के युवा में भी देखी जाती है।

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जानिए क्या है अल्जाइमर

  • अल्जाइमर एक मानसिक बीमारी है, जिसकी वजह से मरीज की याददाश्त कमजोर होनी लगती है।
  • यह बीच की उम्र या वृद्धावस्था में मस्तिस्क के टिशू को नुकसान पहुंचने की वजह से होता है।
  • अल्जाइमर डिमेंशिया बीमारी का एक प्रकार है जिसका प्रभाव व्यक्ति की याददाश्त, सोचने की क्षमता, रोजमर्रा की चीजों पर पड़ता है।
  • मस्तिस्क में प्रोटीन की संरचना में गड़बड़ी की वजह से अल्जाइमर की दिक्कत होने लगती है।

ये लक्षण हैं अल्जाइमर के

नींद न आना, चिंता, ज्यादा करना, याददाश्त का खोना, डिसीजन लेने में दिक्कतें आना, बार-बार एक ही सवाल करना, रोज के कामों को करने में प्रॉब्लम होना, किसी भी काम में मन न लगना, एकाग्र न हो पाना, अपने फैमिली को पहचान न पाना, कपड़ो को सही से न पहनना।

 क्या उपाए करे इस बीमारी से बचने के लिए

  • सोशल व लर्निंग ऐक्टिविटी पर ज्यादा से ज्यादा फोकस करन चाहिए।
  • अलग अलग तरह की किताबें पढ़नी चाहिए।
  • गाने सुनना, डांस करना चाहिए, चित्रकला करनी चाहिए, क्लब में जाएँ, दोस्तों और फैमिली के साथ पढ़ना चाहिए।
  • जिससे लर्निंग पावर स्ट्रांग होती रहेगी।
  • साथ ही दवाइयों व एक्सरसाइज से रोगी की भूलने की पावर को कम किया जा सकता है।
  • लेकिन अल्जाइमर बीमारी का कोई परमानेंट इलाज नहीं है।
  • जब तक मरीज जिंदा रहता है तब तक दवाइयों का सेवन और एक्सरसाइज करनी चाहिए।

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