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अगर ये लड़का न होता, तो सूरत अग्नि कांड में जा सकती थी 12 और जान

सूरत की तक्षशिला मार्केट में आग लगने से 20 छात्रों की मौत हुई। तक्षशिला मार्केट में हुए इस हादसे में कई लोगों की जान जा सकती थी, लेकिन इस युवक की वजह से लोगों की मौत का आंकड़ा ज़्यादा नहीं बढ़ा।

तक्षशिला मार्केट के तीसरे और चौथे फ्लोर पर कई कोचिंग सेंटर चल रहे थे, जिनमें बच्चे पढ़ने गए हुए थे, जिस वक्त ये आग लगी उस वक्त अलग-अलग कोचिंग सेंटर में करीब 60 बच्चे थे। आग की शुरुआत तीसरे मंजिल से हुई। जिसके बाद बच्चे भागने लगे. चूंकि बिल्डिंग से बाहर निकलने का एक ही रास्ता था इसीलिए भगदड़ मच गई।

सूरत

आग तीसरे के बाद चौथे फ्लोर पर पहुंची, तो बच्चों को बाहर जाने का रास्ता नहीं मिला। इसके बाद बच्चों ने एक-एक करके बालकनी से कूदना शुरू कर दिया। 15 छात्र-छात्राएं अपनी जान बचाने के लिए नीचे कूदे, जिनमें से 03 की मौत हो गई।

12 बच्चों को बचाने के बाद मीडिया से बात करते हुए केतन ने कहा कि मैंने वहां धुंआ देखा, लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या किया जाना चाहिए। मैंने एक सीढ़ी उठाई और ऊपर चढ़ गया। सबसे पहले मैंने 2 बच्चों को आग से बचाया। इसके बाद 8-10 और लोगों को वहां से निकलने में मदद की, इसके बाद में 02 और छात्रों को मैंने वहां से निकाला। तब तक फायर ब्रिगेड को आने में 40-45 मिनट का वक़्त लग गया।

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