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‘अयोध्या में तय जगह पर बनेगा राम मंदिर’

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की यहां चली तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में ‘हिंदुत्व’ का मुद्दा छाया रहा। सभा के अंतिम दिन आरएसएस ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का संकल्प दोहराते हुए कहा कि मंदिर निश्चित स्थान पर ही अपने निर्धारित प्रारूप में बनेगा।

संघ के सरकार्यवाह भय्याजी जोशी ने प्रतिनिधि सभा के बाद संवाददाताओं के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि राम मंदिर निर्माण को लेकर संघ की भूमिका निश्चित है। अयोध्या में राम मंदिर बनेगा, निश्चित स्थान पर बनेगा और निर्धारित प्रारूप में ही बनेगा। मंदिर बनने तक आंदोलन जारी रहेगा।

RSS ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का संकल्प दोहराया
RSS ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का संकल्प दोहराया ( फोटो – गूगल )

RSS ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का संकल्प दोहराया

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मंदिर मसले पर मध्यस्थता के लिए बनाई गई समिति के सवाल पर उन्होंने कहा, “संघ ऐसे किसी भी प्रयास का स्वागत करता है। न्यायालय और सरकार से संघ की अपेक्षा है कि मंदिर निर्माण की बाधाओं को शीघ्रातिशीघ्र दूर किया जाए। साथ ही अपेक्षा है कि समिति के सदस्य हिंदू भावनाओं को समझकर आगे बढ़ेंगे। सत्ता संचालन में बैठे लोगों का राम मंदिर को लेकर विरोध नहीं है, और उनकी प्रतिबद्धता को लेकर भी कोई शंका नहीं है।”

पुलवामा हमले के बाद आतंकी शिविरों पर एयर स्ट्राइक को उन्होंने सरकार व वायुसेना का सराहनीय कदम बताया। उन्होंने कहा, ” पुरुषार्थी और साहसी देश इसी भाषा में आतंकियों को जवाब देते हैं।”

धारा 370 से जुड़े सवाल पर जोशी ने कहा कि अभी 35ए को लेकर मामला न्यायालय में विचाराधीन है। अपेक्षा है कि सरकार अधिक प्रखरता के साथ न्यायालय में पक्ष रखेगी, और इस पर निर्णय आने के बाद धारा 370 पर कोई निर्णय होगा।

चुनाव में संघ की भूमिका से संबंधित प्रश्न पर भय्याजी ने कहा कि संघ की भूमिका स्पष्ट है। लोकतंत्र में मतदान के प्रति जागरूकता लाना तथा 100 प्रतिशत मतदान के लिए हम प्रयास करेंगे। पिछले वर्षो में समाज की सूझबूझ बढ़ी है, और जागृत समाज देशहित में मतदान करेगा। आज सामान्य समाज ये सोचने की स्थित में आ गया है कि देशहित में कौन काम करेगा।

प्रतिनिधि सभा में शबरीमला मंदिर प्रकरण को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया। इसमें कहा गया है, “कुछ ‘अभारतीय शक्तियां’ हिंदू आस्था और परंपराओं को आहत एवं इनका अनादर करने के लिए योजनाबद्ध षड्यंत्र चला रही हैं। शबरीमला मंदिर प्रकरण इसी षड्यंत्र का नवीनतम उदाहरण है।”

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