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जद (यू) ने तेजस्वी को शहीद पुलिसकर्मियों पर राजनीति नहीं करने की नसीहत दी

पटना, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)| जनता दल (युनाइटेड) ने रविवार को बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को शहीद पुलिसकर्मियों पर राजनीति नहीं करने की नसीहत दी। जद (यू) ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के शासनकाल में पुलिस जवानों के शहीद होने को लेकर भी सवाल पूछा।

जद (यू) के प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने तेजस्वी को नसीहत देते हुए कहा कि इन शहीदों का आप सम्मान नहीं कर सकते तो कम से कम अपमान मत कीजिए।

उन्होंने तेजस्वी पर तंज कसते हुए कहा, “पुलिस के जवान अपनी बेनामी संपत्ति बचाने के लिए नहीं बल्कि समाज और देश की सुरक्षा और अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए शहीद होते हैं। इन पुलिसकर्मियों के बलिदान पर कम से कम राजनीति नहीं की जानी चाहिए।”

पटना में जद (यू) नेता ने कहा कि हर समय पुलिस के जवान अपनी जान की बाजी लगाकर समाज और नागरिकों की सुरक्षा में जुटे रहते हैं। चाहें किसी भी दल की सरकार बिहार में रही हो लेकिन अपना बलिदान देने वाले इन पुलिसकर्मियों को नमन है।

नीरज ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि वर्ष 1996-1998 के दौरान राजद के कार्यकाल में नरसंहार की चार घटनाओं में 11 पुलिसकर्मी शहीद हुए थे।

उन्होंने ब्योरा देते हुए कहा कि वर्ष 1996 में गया जिले के टेकारी में सात पुलिसकर्मी शहीद हुए थे जबकि एक फरवरी 1997 को पटना जिले के जलपुरा में एक पुलिसकर्मी और 17 सितंबर 1998 को गया जिले के पंचशीला पहाड़ पर दो पुलिसकर्मी शहीद हुए थे।

तेजस्वी को नसीहत देते हुए नीरज ने कहा कि पुलिस के जवान मारे नहीं जाते बल्कि शहीद होते हैं।

इससे पहले तेजस्वी ने ट्वीट कर बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा था, “सूबे के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी अपराधियों से गुहार लगा रहे हैं और अपराधी पुलिस पर ही प्रहार कर रहे है। बिहार में अपराधी ही पुलिस का एनकाउंटर कर रहे हैं। प्रदेश के मुखिया क्रीम लगाकर चेहरे का दाग साफ करना चाह रहे हैं लेकिन दाग इतने गहरे हो चुके हैं कि अब जनता ही सर्जरी कर देगी।”

उल्लेखनीय है कि शुक्रवार की रात खगड़िया जिले के सलालपुर दुधौरा दियारा क्षेत्र में अपराधियों के साथ हुई मुठभेड़ में पसराहा के थाना प्रभारी आशीष कुमार सिंह शहीद हो गए जबकि एक अन्य पुलिसकर्मी गोली लगने से घायल हो गया था।

 

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