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पहले से कहीं ज़्यादा सुरक्षित बनाए जाएंगे उत्तराखंड के इको सेंसिटिव ज़ोन्स

इको सेंसिटिव जोन की मॉनिटरिंग समिति की पहली बैठक में रखे गए 23 प्रस्ताव

इको सेंसिटिव जोन की मॉनिटरिंग समिति की पहली बैठक में 23 प्रस्ताव रखे गए हैं। इनमें से 20 प्रस्तावों पर समिति ने सैद्धान्तिक सहमति प्रदान की है।
बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने निर्देश दिए कि अगली बैठक में प्रस्ताव के औचित्य, मानकों के अनुपालन और इको सेंसिटिव जोन के नोटिफिकेशन के अनुसार चेक लिस्ट बनाकर समिति के सामने रखा जाए।
उत्तरकाशी ज़िले के गंगोत्री से उत्तरकाशी तक के गंगा के किनारे के क्षेत्र को इको सेंसिटिव जोन घोषित किया गया है। इसके लिए राज्य सरकार ने जोनल मास्टर प्लान बनाकर भारत सरकार को प्रस्तुत किया है। समिति में लोक निर्माण विभाग के 6 प्रस्ताव, ज़िला पंचायत के 2, बीआरओ के 7, सिंचाई विभाग के 5 और आईटीबीपी के 3 प्रस्ताव रखे गए।
लोक निर्माण विभाग भटवाड़ी हीना में 3 किलोमीटर संपर्क मार्ग, मुष्टिकसौड़ कुरोली मोटर मार्ग के ककराणी बैंड से किशनपुर तक 1.50 किलोमीटर मोटर मार्ग, बोंगा से कियाड गांव 2 किलोमीटर, बोंगा मैलुणा 3.5 किलोमीटर, भलड़ियाना लंबगांव से जसपुर-सिलयान-निराकोट 8 किलोमीटर और हर्षिल-मुखबा-निराकोट 6.25 किलोमीटर मोटरमार्ग निर्माण का प्रस्ताव रखा गया।
ज़िला पंचायत उत्तरकाशी ने गेस्ट हाउस की मरम्मत, मुखवा जंगला के बीच पैदल  पुल निर्माण, बीआरओ ने सामरिक दृष्टि से उपयोगी सड़कों के विस्तारीकरण का प्रस्ताव रखा। सिंचाई विभाग ने उत्तरकाशी नगर में रिवर फ्रंट डेवलपमेंट, गंगोत्री में घाटों के निर्माण, हर्षिल कस्बे को बचाने के लिए ककोरा गाड़ पर बाढ़ सुरक्षा कार्य, धराली में कृषि भूमि और गांव के लोगों को बाढ़ से बचाने के लिए सुरक्षा कार्य, आर्मी कैम्प के लिए तलगाड नाला पर बाढ़ सुरक्षा कार्य के प्रस्ताव रखे गए।
आईटीबीपी के तीन प्रस्तावों को संशोधित कर इको सेंसिटिव जोन के दिशा निर्देश के अनुसार बनाने के लिए कहा गया। बैठक में समिति के सह अध्यक्ष सेवानिवृत्त आईएएस हेम पांडेय, समिति के सदस्य हार्क के महेंद्र सिंह कुंवर, गंगा समिति की मल्लिका भनोट, संकल्प समिति की शांति परमार, प्रमुख सचिव सिंचाई आनंद बर्धन, सचिव वन अरविंद सिंह ह्यांकी, अपर सचिव वन धीरज पांडेय, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव एसपी सुबुद्धि सहित कई अधिकारी मौजूद थे।
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