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‘हिमालय के संरक्षण से ही मुमकिन है उत्तराखंड का सुंदर भविष्य’ 

उत्तराखंड सरकार हर साल मनाएगी हिमालय सप्ताह

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में हिन्दुस्तान हिमालय बचाओ अभियान में सामाजिक कार्यकर्ताओं, पर्यावरणविदों, मीडिया प्रतिनिधियों के दल व अधिकारियों व कार्मिकों को हिमालय के संरक्षण की शपथ दिलाई।

मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा, ” विगत कई वर्षों से नौ सितम्बर को हिमालय दिवस मनाया जा रहा है। इस वर्ष हिमालय सप्ताह के रूप में आज इसकी शुरूआत हो गई है। हमारा प्रयास है कि मात्र एक दिन हिमालय दिवस मनाने से यह कर्मकाण्ड न बन कर रह जाए। पूरे सप्ताह स्थान-स्थान पर गोष्ठीयां, सेमिनार आयोजित किए जाएंगे।”

मुख्यमंत्रियों ने आगे कहा कि सुरक्षित हिमालय न केवल भारत बल्कि विश्व की एक बड़ी आबादी को प्रभावित करता है। जीवन को सुरक्षित करने के लिए हिमालय का संरक्षण आवश्यक है। इसके लिए सबको सरकार के प्रयासों के साथ ही अपनी सामूहिक जिम्मेदारी लेकर हिमालय के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।

उत्तराखंड में लगभग 65 प्रतिशत खाद्यान्न की आपूर्ति गंगा बेसिन से होती है, जबकि 65 प्रतिशत पानी हिमालय से ही मिलता है। हिमालय अध्यात्मिक, सामाजिक, स्वास्थ्य व आर्थिक दृष्टि से काफी महत्व है।

” हमें अपनी नदियों के पुनर्जीवीकरण व स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना होगा। नदियां जल परिवहन का माध्यम है न कि कूड़ा-कचरा परिवहन के लिए। वृक्षारोपण के प्रति लोगों में भावनात्मक रूचि बढे़। हमने प्रत्येक जिले के एक-एक नदी के पुनर्जीवीकरण के साथ ही ब्लाॅक स्तर पर भी एक-एक जल स्त्रोत को पुनर्जीवित करने पर विचार किया है।” सीएम ने आगे कहा।

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