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उत्तराखंड में टिहरी को राजशाही गुलामी से आज़ाद कराने वाले इस शहीद को जानते हैं अाप ?

‘सुमन सुधा’ और ‘गुलदस्ता’ पुस्तकों का सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया विमोचन

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखंड के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व क्रान्तिकारी श्रीदेव सुमन के 74वें बलिदान दिवस पर श्रद्धासुमन अर्पित किए।
टिहरी गढ़वाल के जौल गांव में में श्रीदेव सुमन का जन्म 24 मई 1915 को हुआ था। उनकी शुरुआती शिक्षा गांव में हुई। वो उच्च शिक्षा के लिए देहरादून भी गए। इसी दौरान 1930 के नमक सत्याग्रह आंदोलन में हिस्सा लिया। आंदोलन में वो 14 दिनों तक जेल में भी रहे। वर्ष 1942 में भारत छोड़ों आंदोलन के दौरान उन्हें 15 दिन की जेल हुई थी। 25 जुलाई को श्रीदेव सुमन का शहादत दिवस मनाया जाता है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने टिहरी जन क्रान्ति के नायक अमर शहीद श्रीदेव सुमन को याद करते हुए कहा.” श्रीदेव सुमन ने अपनी समय की कठिन परिस्थितियों में लोकशाही के लिए संघर्ष किया और अपना जीवन बलिदान किया। अमर शहीद श्रीदेव सुमन नई पीढ़ियों को सदैव प्रेरणा देंगे। वे हमारे दिलों में एक महानायक के रूप में विराजमान रहेंगे।”
इस मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने लोक गायक नरेन्द्र सिंह नेगी, साहित्यकार लीलाधर जगूड़ी, सुभाष पन्त, डॉ. हर्षवन्ती बिष्ट को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने डाॅ.एमआर सकलानी द्वारा सम्पादित पत्रिका ‘सुमन सुधा’ श्री टीकाराम मैठाणी की पुस्तक ‘गुलदस्ता’ का भी विमोचन किया।
मुख्यमंत्री रावत ने अमर शहीद श्रीदेव सुमन की उपलब्धियों व संघर्षों के बारे में बताते हुए उनके जीवन को अनुकरणीय बताया।
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