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‘योग दिवस के बाद उत्तराखंड में पर्यटन बढ़ने की उम्मीद’

चौथे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के बाद मुख्यमंत्री ने रखी अपनी बात

उत्तराखंड ने गुरुवार को चौथे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की मेजबानी की। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का मानना है कि यह समारोह ज्यादा से ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित करने, ज्यादा नौकरियों का सृजन करने और व्यापारिक अवसरों को पैदा करने में मदद कर सकता है।

रावत का मानना है कि योग दिवस समारोह में प्रधानमंत्री की उपस्थिति और समारोह को दुनियाभर के लोगों द्वारा देखे जाने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। रावत ने कहा, “अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का मुख्य समारोह का आयोजन करने से निश्चय ही उत्तराखंड को नई पहचान मिली है, क्योंकि 193 देशों के लोगों ने इसे देखा।” उन्होंने आगे कहा कि क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इस समारोह में भाग लिया, इससे उत्तराखंड को विश्वस्तरीय मंच मिला है। इससे घरेलू और साथ ही साथ विदेशी पर्यटक भी आकर्षित होंगे। अगर पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, तो इससे राज्य में नई नौकरियों और व्यापारिक अवसर का सृजन होगा।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर एफआरआई में योगमुद्रा में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत।

उत्तराखंड में 2013 में आई विध्वंसकारी बाढ़ के बाद पर्यटन क्षेत्र बुरी तरह से प्रभावित हुआ था। उत्तराखंड प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार 2013 आपदा के बाद घरेलू पर्यटकों में 25 प्रतिशत तक और विदेश पर्यटकों में 20 प्रतिशत की गिरावट हुई थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 18 लाख विदेशी पर्यटक सहित करीब तीन करोड़ पर्यटक प्रत्येक वर्ष उत्तराखंड आते हैं। अगर यह संख्या बढ़ेगी तो राज्य को ज्यादा राजस्व प्राप्त होगा। विदेशी पर्यटकों का उत्तराखंड की ओर आकर्षण मुख्यत: इसका भारत का योग केंद्र के तौर पर प्रसिद्ध होना है। इस समारोह के बाद, राज्य की प्रसिद्धि में ‘निश्चिय ही बढ़ोत्तरी’ होगी।

चौथे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह में विदेशों के 35 से ज्यादा स्वंयसेवकों ने भाग लिया और देहरादून के फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट (एफआरआई) में लगभग 50,000 लोगों ने योग किया।

“इस समारोह के सफल आयोजन से निश्चय ही दूसरे देश में समारोह देख रहे लोगों को संदेश पहुंचेगा। वे निश्चय ही योग के बारे में जानना चाहेंगे और उत्तराखंड की यात्रा करना चाहेंगे।” सीएम रावत ने आगे कहा।

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