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‘मटर और गुलाब की खेती के लिए उत्तराखंड में पर्याप्त बाज़ार व्यवस्था उपलब्ध’

होमस्टे योजना को अपनाकर युवाओं को मिल रहा स्वरोजगार

उत्तराखंड में युवाओं को होमस्टे योजना को अपनाकर अपने लिए नया रोजगार शुरू करने और किसानों को मटर और गुलाब की खेती करने के लिए उत्तराखंड सरकार मदद कर रही है।

प्रदेश सरकार की लाभकारी योजनाओं के बारे में बताते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, ” प्रदेश के नौजवान होमस्टे जैसी योजनाओं को अपनाकर स्वरोजगार के लिए प्रेरित हो सकते हैं। किसानों को मटर और गुलाब की खेती कर अपनी आजीविका को बढ़ाने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है। बाज़ार में एक किलो गुलाब के तेल की कीमत लगभग 12 लाख है। ऊंचाई वाले स्थानों में गुलाब की खेती कर किसान अच्छी आजीविका अर्जित कर सकते है।”

मुख्यमंत्री रावत ने बहुउद्देशीय शिविर में लोगों की समस्याएं सुनी। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने शहीद सैनिक जगदीश पुरोहित की पत्नी और पिता को सम्मानित भी किया। शिविर में फरियादियों ने सड़क, शिक्षा, पेयजल, विद्युत, आवास, मुआवजा, आर्थिक सहायता से जुड़ी लगभग 315 समस्याएं मुख्यमंत्री के सामने रखी गई। शिविर में जनता द्वारा रखी गई सभी समस्याओं, शिकायतों व सुझावों पर गम्भीरता से विचार करते हुए मुख्यमंत्री ने प्राथमिकता के आधार पर उनका निराकरण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।

सीएम रावत ने आगे कहा, ” पिरूल घास से डीजल, तारकोल, तारपीन का तेल तथा बिजली पैदा की जा रही है। गांव के आसपास पिरूल घास जमा कर आसानी से बिजली पैदा की जा सकती है। प्रदेश सरकार पिरूल घास से उत्पादित बिजली खरीदने की पूरी जिम्मेदारी लेती है।”
मुख्यमंत्री रावत ने थराली उप चुनाव में पार्टी प्रत्याशी को जीत दिलाने के लिए क्षेत्र की जनता का आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार राज्य के विकास के लिए प्रतिबद्व है तथा घाट क्षेत्र के विकास के लिए भी हर सम्भव प्रयास किए जाएंगे।
शिविर में घाट क्षेत्र की जनता ने मुख्यमंत्री को 14 सूत्री मांग पत्र भी सौंपा। इसमें नन्दप्रयाग-घाट मोटर मार्ग के चौड़ीकरण व डामरीकरण, डिग्री काॅलेज भवन की स्वीकृति एवं निर्माण, पाॅलीटैक्निक की स्वीकृति, तहसील में उप निबन्धक का पद सृजित करने, क्षेत्र के हाईस्कूल एवं इण्टर काॅलेजों में अध्यापकों के रिक्त पदों को भरने, सितेल में हाॅस्पिटल भवन, सरपाणी में एएनएम सेन्टर, बैरासकुण्ड व घूनी में एलौपैथिक चिकित्सालय की स्वीकृति, विभिन्न मोटर मार्ग एवं पेयजल योजना की स्वीकृति जैसी मांग शामिल हैं।
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