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बाबा… बाबा हैं ….. आसाराम के कल जो दिवाने थे, आज चुरा रहे हैं नज़र

बाबा के मुरीद रहे चुके हैं कई बड़े नेता, गिरफ़्तारी पर दिए थे तीखे जवाब

दुष्कर्म मामले में आसाराम सहित तीन अारोपियों को आज दोषी करार दिया गया है। लेकिन क्या आप को पता है कि अपने अच्छे दौर में बाबा के ऐसे कई चाहने वाले नेता भी रहे हैं , जिन्होंने आसाराम बापू के ऊपर आरोप लगाए जाने पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया ज़ाहिर की।लेकिन आज आसाराम के दोषी करार दिए जाने पर सबकी बोलती बंद है।

आसाराम के 2,300 करोड़ रुपए का साम्राज्य मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और गुजरात जैसे राज्यों में बना है। उनके चाहने वाले सिर्फ उनके भक्त ही नहीं बल्कि बड़े -बड़े नेता भी रह चुके हैं।

अपनी गिरफ़्तारी से पहले वर्ष 2013 में आसाराम ने कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी उनके ख़िलाफ़ साज़िश रच रहे’ हैं। इस पर उनका साथ देते हुए उमा भारती ने भी ट्विट पर अपनी प्रतिक्रिया कुछ इस तरह दी थी।

 

आसाराम

सिर्फ ट्विटर पर ही नहीं कई नेताओं ने आसाराम की तारीफ के पुल अहमदाबाद से प्रकाशित होने वाली उनकी पत्रिका ऋषि प्रसाद में बांधे हैं, इस पत्रिका का प्रकाशन आसाराम की संस्था द्वारा किया जाता है। पत्रिका के मुख्य पन्ने में राजनाथ सिंह , अरूण जेटली और अशोक सिंघल की तस्वीर के साथ ही लेख प्रकाशित किए गए, जिसमें राजनाथ सिंह व अरूण जेटली को आसाराम को कर्मयोगी भी बताया  है।

विश्व हिन्दू परिषद के अशोक सिंघल ने पत्रिका में यह लिखा है कि बापू को गलत तरीके से फंसाया जाकर उन्हें प्रताड़ना दी जा रही है। बावजूद इसके उनके या अन्य संतो के प्रति श्रद्धा विश्वास में लोग दूर नहीं हुए हैं।

वहीं राजनाथ सिंह ने ऋषि प्रसाद पत्रिका में यह लिखा है कि आसाराम बापू महान संत है और उन्ही की प्रेरणा से मातृ-पितृ दिवस का आयोजन देश भर में शुरू हुआ है। 14 फरवरी को वेलेन्टाइन डे रहता है, लेकिन कुछ वर्ष पहले आसाराम ने इस दिन को मातृ-पितृ पूजन दिवस के आयोजन में शुरू किया।

 

वित्त मंत्री अरूण जेटली ने भी पत्रिका में आसाराम की तारीफ करते हुए लिखा है कि मीडिया को आत्म निरीक्षण करने की जरूरत है। जिस तरह से मीडिया ने आसाराम मामले को हवा दी है, वह गलत होकर मानदंड के विरूद्ध है।

 

 

 

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