बुंदेलखंड : राजनीतिक पारी शुरू करेंगे कबीर पंथी महंत!
बांदा, 8 फरवरी (आईएएनएस)| कबीर ग्रंथ ‘बीजक’ पाठ के जरिए समाज को छुआछूत, भेदभाव को समूल नष्ट करने की इबारत सिखाने वाले कबीर आश्रम भरखरी के महंत अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की भगवा चदरिया ओढ़कर अपनी राजनीतिक पारी शुरू करेंगे।
वह 11 फरवरी को सूबे के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की मौजूदगी में होने वाले कबीर सम्मेलन में उनसे राजनीतिक ‘भगवा ज्ञान’ लेंगे।
उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड में संत कबीर के पवित्र गंथ ‘कबीर बीजक’ के पाठ के जरिए विशेषकर कोरी बिरादरी के लोगों को छुआछूत-भेदभाव के अलावा मूर्ति पूजा का घोर विरोध की इबारत सिखाने वाले कबीर आश्रम भरखरी के महंत त्यागी जी महाराज को राजनीति ने लुभा लिया है।
वह आगामी लोकसभा चुनाव से पहले ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का ‘भगवा ज्ञान’ अर्जित करने के लिए भाजपा नेता अजित कुमार गुप्ता के संयोजन में अपने आश्रम में 11 फरवरी को विशाल कबीर सम्मेलन का आयोजन भी किया है, जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या शिरकत कर रहे हैं।
गुरुवार को जब इस संवाददाता ने महंत त्यागी जी महाराज से बात की तो उनका कहना था, राजनीतिक चाबी एक ऐसी चाबी है, जिससे तभी ताले खोले जा सकते हैं। उन्होंने उल्टे सवाल किया, अगर सच्चिदानंद हरि साक्षी महाराज, उमा भारती और साध्वी निरंजन ज्योति जैसे लोग राजनीति में हिस्सा ले सकते हैं, तो एक कबीर पंथी साधु क्यों नहीं ले सकता? उन्होंने कहा कि ‘वे उपमुख्मंत्री से आगामी लोकसभा चुनाव-2019 के लिए भाजपा से टिकट की दावेदारी भी पेश करेंगे।
हालांकि कोरी समाज का एक तबका ऐसा है, जो त्यागी जी के इस कदम का खुलकर विरोध कर रहा है। उप्र कोरी महासभा के प्रदेश बंश गोपाल निर्मल कहते हैं कि ‘देश और समाज की भलाई भारतीय संविधान में निहित है, ‘मनुस्मृति’ में नहीं और भाजपा नेता संविधान बदलने की सोंच रखते हैं। ऐसे में त्यागी जी भगवाधारी बनें तो उनकी सफेद छवि का दामन दागदार होगा।’
उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव में नरैनी सीट से भाजपा के राजकरन कबीर को विधायक बनाने में उनकी अहम भूमिका थी, इसके अलावा नरैनी नगर पंचायत चुनाव में भाजपा की ओम मणि वर्मा को चुनाव जिताने में भी अग्रणी रहे हैं। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि ‘सिर्फ राजनीतिक किस्मत आजमाने के लिए सफेद लिबास’ छोड़कर क्या वह ‘भगवाधारी’ बनेंगे?