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BIRTHDAY SPECIAL : दर्द से मेरा दामन भर दे’, ये ग़ज़ल गाते वक्त खूब रोए थे जगजीत सिंह

ग़ज़ल गायकी के मशहूर गायक जगजीत सिंह की आज जयंती है ।अपनी बेहतरीन आवाज़ से वो लाखो दिलों पर राज किया करते थे । जगजीत जी की ग़ज़ल के जादू आज भी बरक़रार है ।उनका जन्म 8 फरवरी 1941 राजस्थान के श्री गंगानगर (तब के बीकेनेर स्टेट) में हुआ था ।उनके पिता अमर सिंह सरकारी कर्मचारी थे। आपको बतक दे की घरवालों ने उनका नाम जगमोहन रखा था ।लेकिन एक बुजुर्ग के मशविरे पर उनकी मां ने उनका नाम जगमोहन से जगजीत कर दिया। उस वक्त कौन जानता था कि जगजीत अपने नाम को सच कर दिखाएंगे।

जगजीत सिंह ने कई बड़े शायरों जैसे मिर्जा गालिब, कैफी आजमी, सुदर्शन फाकिर, निदा फाजली की शायरी को अपनी आवाज दी।सुदर्शन फाकिर की लिखी हुई नज़्म ‘कागज की कश्ती, वो बारिश का पानी’ को जगतीज ने अपनी रूहानी आवाज में गाया है। इस गाने को जब भी सुना जाता है लोग अपने बचपन की यादों में खो जाते हैं।

गजल गायिका के अलावा जगजीत सिंह बॉलीवुड में प्लेबैक सिंगर के तौर भी बेहद कामयाब रहे। एल्बम के अलावा उन्होंने फिल्मों में भी खूब सारे हिट गाने गाए। ‘तुमको देखा तो ये ख्याल आया, जिंदगी धूप तुम घना साया’ गाना किसी फिल्म में जगजीत का पहला गाना था। फिल्म रिलीज होने के करीब 34 सालों बाद भी ये गाना आज भी लोगों की जुबां पर गाहे बगाहे आ ही जाता है।

 

एक रिपोर्ट के मुताबिक किसी पार्टी के आखिर में अदाकारा अंजू महेंद्रू ने जगजीत के सामने ख्वाहिश जाहिर की कि वो उन्हें गजल ‘दर्द से मेरा दामन भर दे’ सुनाएं।जगजीत उस वक्त गाना तो नहीं चाहते थे लेकिन फरमाइश के आगे बेबस होकर उन्होंने वो गाया। सुनने में आता है कि गजल गाने के दौरान जगजीत खूब रोए थे।प्रोग्राम खत्म होते ही जगजीत की जिंदगी की सबसे मनहूस खबर आई. उनका इकलौता बेटा विवेक कार एक्सिडेंट में अपनी जान गंवा चुका था।

भले ही आज जगजीत सिंह हमारे बीच नहीं है लेकिन वो आज भी अपने ग़ज़लों के जादू से हमारे बीच ज़िंदा है ।

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