अन्तर्राष्ट्रीय

संयुक्त राष्ट्र के राजनयिक, अधिकारी ‘पॉवर ऑफ वन’ पुरस्कार से सम्मानित

संयुक्त राष्ट्र, 12 दिसंबर (आईएएनएस)| संयुक्त राष्ट्र ने छह सेवारत और पूर्व राजनयिकों और अंतर्राष्ट्रीय नौकरशाहों को वैश्विक शांति और विकास में उनके सहयोग के लिए सम्मानित किया है।

इस अवसर पर बुराई पर अच्छाई की जीत की दिवाली की भावना को अंगीकार करने के लिए एक संस्था के रूप में संयुक्त राष्ट्र की सराहना की गई।

अमेरिका के दिवाली फाउंडेशन द्वारा सोमवार को पुरस्कार समारोह में पहले पॉवर ऑफ वन सम्मान से कई दिग्गजों को सम्मानित किया गया। इस दौरान दिवाली डाक टिकट भी जारी किए गए।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की संस्थापक शक्ति दिवाली की सार्वभौमिक अच्छाई और बुराई को हराने की भावना दर्शाती है।

दिवाली की अभिव्यक्ति आज की जटिल समस्याओं के लिए जरूरी है, जो मानवता के लिए लाभकारी हो सकती है, लेकिन चिंता का सबब भी बनी हुई है।

कार्यक्रम का संचालन करने वाले बेलारूस के स्थाई प्रतिनिधि वेलेंटिन रायबाकोव ने कहा कि यह पुरस्कार समाज की भलाई के लिए दुनिया में बदलाव लाने वाले लोगों की परिवर्तनकारी शक्तियों को मान्यता देता है।

पावर ऑफ वन पुरस्कार के दो प्राप्तकर्ताओं की संयुक्त राष्ट्र में अभी समाप्त हुए अंतर्राष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) के चुनाव में अहम भूमिका रही थी।

लेबनान के स्थाई प्रतिनिधि नवाज सलाम ने आईसीजे में एशियाई सीट के लिए भारत के उम्मीदवार दलवीर भंडारी को हरा दिया था।

संयुक्त राष्ट्र में ब्रिटेन के स्थाई प्रतिनिधि मैथ्यू रायक्रॉफ्ट ने आईसीजी में भंडारी के पक्ष में अपने देश की उम्मीदवारी वापस लेने का ऐलान किया था। ब्रिटेन के उम्मीदवार क्रिस्टोफर ग्रीनवुड ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली थी।

पावर ऑफ वन अवॉर्ड सहायक महासचिव, और संयुक्त राष्ट्र महिला की कार्यकारी निदेशक और पूर्व भारतीय राजनयिक लक्ष्मी पुरी को भी मिला।

इसके अलवा पुरस्कार लेने वाले अन्य लोगों में मिस्र के अंडर सेक्रेटरी जनरल मगेद अब्देल्लाजीज, माल्दोवा की महासभा मामलों के पूर्व निदेशक इयॉन बोनारू और यूक्रेन के पूर्व स्थाई प्रतिनिधि यूरीय सरेगेयेव हैं।

दक्षिण एशियाई मामलों की राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के अध्यक्ष रवि बत्रा ने पॉवर ऑफ वन पुरस्कार को ‘ऑस्कर्स ऑफ डिप्लोमेसी’ बताया।

बेलारूस, जॉर्जिया, भारत और दिवाली फाउंडेशन के स्थाई मिशनों ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम को अमेरिका सहित 22 देशों के मिशनों ने सह प्रायोजित किया।

बेलारूस के स्थाई प्रतिनिधि रायबाकोव ने कहा कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका में भारतीय संस्कृति को बढ़ावा दिया है।

दिवाली के डाक टिकटों के लिए अभियान का नेतृत्व करने वाली रंजू बत्रा और दिवाली फाउंडेशन की अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने अमेरिका के दिवाली डाक टिकटों के लिए सात वर्ष लगाए हैं, इसके लिए उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा का सहयोग भी मिला।

उन्होंने बताया कि दिवाली टिकट जारी होने के पहले ही दिन 172,000 टिकट बिक गए, जो डाक सेवा का रिकॉर्ड है।

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