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यह कैसी सजा : टीचर ने 11 साल की बच्‍ची को ब्‍वॉयज टॉयलेट में खड़ा किया

देश में बच्‍चों के खिलाफ अपराध की हालिया घटनाओं ने स्‍कूल में बच्‍चों की सुरक्षा पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। उदाहरण के तौर पर गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में 7 वर्षीय बच्चे का मर्डर किया जाता है और स्कूल को कुछ जानकारी नहीं होती।

कई ऐसे स्कूल हैं, जहां बच्चों को प्रताड़ित किया जाता है लेकिन स्कूल प्रशासन शिकायत के बाद भी हाथ पर हाथ धरे रहता है।

ऐसा ही कुछ तेलंगाना के हैदराबाद में देखने को मिला है, जहां स्कूल की यूनिफॉर्म न पहनकर आने पर 11 साल की एक बच्ची को टीचर ने लड़कों के टॉयलेट में खड़ा कर दिया।

सजा का यह मामला राव हाईस्कूल का है। पीड़िता ने बताया कि उसके परिवारीजनों ने डायरी में लिखा था कि उसके कपड़े धोने के बावजूद अच्छी तरह से सूखे नहीं है, इसलिए वह घर के कपड़ों में स्कूल आ रही है। इसके बावजूद स्कूल टीचर ने मुझे लड़कों के टॉयलेट में ले जाकर वहां खड़ा रहने की सजा दे दी।

इस घटना से पीड़िता के मन में इतना डर समा गया है कि वह अब स्कूल नहीं जाना चाहती है। एक समाचार चैनल के मुताबिक बच्ची के साथ ऐसा 2-3 टीचरों ने मिलकर किया था। छात्रा को करीब 5 मिनट तक टॉयलेट में खड़ा रखा गया और फिर उसे वापस क्लास में भेज दिया गया।

डरी-सहमी पीड़िता ने कहा कि अब आपने यह मुद्दा उठा दिया है तो वे लोग मेरी पिटाई करेंगे और मुझे प्रताड़ित करेंगे। मैं दोबारा उस स्कूल में नहीं जाऊंगी। बच्ची के पिता ने उसके साथ जो हुआ उसे लेकर स्कूल प्रशासन पर सवाल खड़े किए हैं। फिलहाल मामले में स्कूल प्रशासन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।

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