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मंत्रिमंडल में 9 नए मंत्री शामिल, 4 को पदोन्नत कर कैबिनेट मंत्री बनाया गया

नई दिल्ली, 3 सितम्बर (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया।

नए मंत्रिमंडल में चार राज्य मंत्रियों धर्मेद्र प्रधान, निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल और मुख्तार अब्बास नकवी को पदोन्नत कर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है और नौ को राज्य मंत्री बनाया गया है, जिनमें से चार पूर्व नौकरशाह हैं। मंत्रियों को राष्ट्रपति भवन में 35 मिनट तक चले शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शपथ दिलाई। समारोह में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और कुछ नए मंत्रियों के परिवार के सदस्य शामिल हुए।

पदोन्नत हुए चार मंत्री पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेद्र प्रधान, विद्युत, कोयला, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा व खनन मंत्री पीयूष गोयल, वाणिज्य व उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी हैं।

पूर्व राजनयिक हरदीप सिहं पुरी, गजेंद्र सिंह शेखावत (सांसद), पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त सत्यपाल सिंह (सांसद), पूर्व नौकरशाह के.जे.अल्फोंस और सासंदों अश्विनी चौबे, शिव प्रताप शुक्ला, वीरेंद्र कुमार, अनंत कुमार हेगड़े और राजकुमार सिंह को राज्य मंत्री बनाया गया है।

मंत्रिमंडल विस्तार में जनता दल-युनाइटेड सहित भाजपा के सहयोगी दलों को जगह नहीं मिली।

नए मंत्रियों या मौजूदा मंत्रियों को कौन सा मंत्रालय मिला है, इस बारे में प्रधानमंत्री की संस्तुति पर राष्ट्रपति भवन से प्रेस विज्ञप्ति जारी होने के बाद ही पता चल पाएगा। शपथ ग्रहण समारोह के बाद प्रधानमंत्री चीन रवाना हो गए।

सुरेश प्रभु ने ये संकेत दिए हैं कि अब वह रेल मंत्री के पद पर नहीं रहेंगे।

उन्होंने ट्वीट किया, 13 लाख से ज्यादा रेल परिवार को उनके समर्थन व प्यार के लिए धन्यवाद। मैं हमेशा इन यादों को सहेज कर रखूंगा। आप सबको खुशहाल जीवन की शुभकामनाएं।

गौरतलब है कि पिछले महीने उत्तर प्रदेश में हुई रेल दुर्घटना में 23 लोगों की मौत के बाद प्रभु ने मंत्रालय छोड़ने की पेशकश की थी।

नए चेहरों में चार पूर्व नौकरशाह हैं, जबकि पुरी और अल्फोंस संसद सदस्य नहीं है। आर. के. सिंह और सत्यपाल लोकसभा सांसद हैं। चार अन्य लोकसभा से हैं और एक मंत्री राज्यसभा से हैं।

पुरी संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि रह चुके हैं। 1974 बैच के आईएफएस अधिकारी रहे पुरी 2014 लोकसभा चुनाव के ठीक पहले भाजपा में शामिल हुए थे।

अल्फोंस पूर्व आईएएस अधिकारी हैं, जो केरल भाजपा से जुड़े। बतौर जिलाधिकारी उन्होंने 1989 में कोट्टयम को देश का पहला साक्षर शहर बनाने में मुख्य भूमिका निभाई।

बिहार के आरा से लोकसभा सांसद आर.के. सिंह संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार में केंद्रीय गृह सचिव रह चुके हैं।

उत्तर प्रदेश के बागपत से सांसद सत्यपाल सिंह मुंबई पुलिस आयुक्त रह चुके हैं।

उत्तर प्रदेश के राज्यसभा सांसद शिव प्रताप शुक्ला ग्रामीण विकास पर संसदीय स्थायी समिति के सदस्य हैं और उत्तर प्रदेश में चार बार विधायक रह चुके हैं।

वीरेंद्र कुमार मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ से छह बार सांसद रहे हैं और श्रम मामलों में संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष हैं।

कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ से लोकसभा सांसद हेगड़े एक अनुभवी सांसद हैं जो पांच बार चुनाव जीत चुके हैं। वह विदेश मामलों और मानव संसाधन विकास मामले की संसदीय स्थायी समिति के सदस्य हैं।

राजस्थान के जोधपुर से पहली बार सांसद बने शेखावत तकनीकी जानकार और प्रगतिशील किसान रहे हैं।

मोदी के मंत्रिमंडल का विस्तार होने के बाद प्रधानमंत्री (मोदी) सहित कुल 76 मंत्री हो गए हैं, जिनमें 28 कैबिनेट मंत्री हैं।

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