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भारत ने रचा एक और इतिहास, एक साथ 31 उपग्रहों का प्रक्षेपण

श्रीहरिकोटा | भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को कार्टोसैट-2 श्रृंखला के उपग्रह तथा 30 अन्य छोटे उपग्रहों को ले जा रहे ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) सी-38 का सफल प्रक्षेपण किया। 30 छोटे उपग्रहों में 29 विदेशी व एक भारतीय है।

44.4 मीटर लंबे और 320 टन वजनी पीएसएलवी रॉकेट ने सुबह 9.29 बजे इन उपग्रहों के साथ उड़ान भरी। सभी 31 उपग्रहों का कुल वजन 955 किलोग्राम है। पीएसएलवी के साथ भेजे गए उपग्रहों में से मुख्य उपग्रह कार्टोसैट-2 श्रृंखला का पृथ्वी अवलोकन उपग्रह है, जिसका वजन 712 किलोग्राम है।

यह कार्टोसैट श्रृंखला-2 के पूर्व के अन्य उपग्रहों के समान ही है। कार्टोसैट-2 श्रृंखला के उपग्रह में उन्नत श्रेणी के कैमरे लगे हैं, जो शहरी व ग्रामीण नियोजन, तटीय भूमि के उपयोग, सड़क नेटवर्क की निगरानी आदि के लिए महत्वपूर्ण आंकड़े उपलब्ध कराएंगे।

पूरे लॉन्च मिशन में करीब 23 मिनट का समय लगा। पीएसएलवी के साथ जो 30 छोटे उपग्रह भेजे गए हैं, उनमें से 29 विदेशी हैं। ये उपग्रहण 14 विभिन्न देशों- ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, ब्रिटेन, चिली, चेक गणराज्य, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, लातविया, लिथुआनिया, स्लोवाकिया और अमेरिका के हैं।

पीएसएलवी के साथ भेजे गए 30 छोटे उपग्रहों में भारत का एक उपग्रहण एनआईयूएसएटी भी है। 15 किलोग्राम वजनी यह उपग्रह तमिलनाडु की नूरल इस्लाम यूनिवर्सिटी का है। यह उपग्रह कृषि फसल की निगरानी और आपदा प्रबंधन सहायता अनुप्रयोगों के लिए मल्टी-स्पेक्ट्रल तस्वीरें प्रदान करेगा।

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