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भूमि रिकॉर्ड को आधार से जोड़ने के आदेश पर प्राथमिकी

नई दिल्ली | दिल्ली पुलिस ने सोशल मीडिया पर वायरल एक फर्जी सरकारी पत्र को लेकर प्राथमिकी दर्ज की है, जिसमें भूमि रिकॉर्ड के डिजिटीकरण और उसे आधार संख्या से जोड़े जाने का आदेश दिया गया था। पुलिस उपायुक्त बी.के. सिंह ने बताया कि यह फर्जी पत्र सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया है, इसलिए यह पता लगाना कठिन है कि इस पत्र की शुरुआत कहां से हुई और इसे सोशल मीडिया पर किसने डाला।

कैबिनेट सचिवालय में अवर सचिव श्योनाथ सिंह ने सोमवार को 15 जून की तारीख वाले इस फर्जी सरकारी आदेश पत्र को लेकर पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने शिकायत में कहा कि उनके हस्ताक्षर के साथ एक फर्जी पत्र सोशल मीडिया पर घूम रहा है और उन्हें इस मामले पर स्पष्टीकरण के लिए फोन कॉल आ रहे हैं।

इस फर्जी पत्र में सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और अतिरिक्त मुख्य सचिवों को चिह्न्ति किया था। इसमें सभी भूमि रिकॉडरें को 14 अगस्त, 2017 से पहले डिजीटल करवाने का आदेश दिया गया था और साथ ही कहा गया था कि जो संपत्ति आधार से जुड़ी नहीं है, उन पर बेनामी लेनदेन (निषेध) संशोधन अधिनियम, 2016 के तहत उचित कार्रवाई की जाएगी।

आधिकारी ने अपनी शिकायत में कहा है, “यह पत्र न तो कैबिनेट सचिवालय के कार्यालय द्वारा जारी किया गया और न ही उनके द्वारा हस्ताक्षरित किया गया है।”

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