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दार्जिलिंग से फंसे पर्यटकों को निकालने के लिए लगाई गई 26 बसे

कोलकाता | पश्चिम बंगाल सरकार ने शुक्रवार को गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) द्वारा दार्जिलिंग में प्रायोजित 12 घंटे के बंद के बीच पहाड़ी क्षेत्र में फंसे पर्यटकों को राज्य की राजधानी और राज्य के अन्य स्थानों तक ले जाने के लिए 26 बसों का इंतजाम किया है।

सरकार के अनुसार, जीजेएम कार्यकर्ताओं द्वारा गुरुवार को अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर किए जा रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़कने से 45,000 पर्यटक पहाड़ी क्षेत्र में फंस गए। राज्य के पर्यटक मंत्री गौतम देब ने कहा, “फंसे हुए पर्यटकों को गुरुवार रात से राज्य के कई जगहों और ज्यादातर कोलकाता के लिए 26 छोटी व बड़ी बसें फंसे पर्यटकों के परिवहन में जुटी हैं।

इस समय हम बता नहीं सकते कि अभी भी कितने पर्यटक फंसे हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। इस पर पर्यटकों की मिलीजुली प्रतिक्रिया रही।

एक पर्यटक ने कहा, “हम गुरुवार को हिंसा भड़क जाने से बेहद तनावग्रस्त हो गए। उस दिन तक हमने नहीं सोचा था कि चीजें इतनी बदतर हो सकती हैं। मैं बीते रात अपने परिवार के साथ बस पकड़ पाया और सिलीगुड़ी तड़के 3 बजे पहुंचा।”

हालांकि, बहुत से पर्यटकों ने बसों की संख्या कम होने की शिकायत की। एक अन्य पर्यटक ने कहा, “ज्यादा संख्या में बसें चलाई जानी चाहिए।” दार्जिलिंग के पूर्वी हिमालयी क्षेत्र में होने के कारण प्राकृतिक सुंदरता और बौद्ध स्थलों से घिरा है व नेपाल, भूटान व पूर्वोत्तर के करीब है। यहां गर्मियों में जुलाई तक रोजाना 600 पर्यटक हर रोज आते हैं।

उत्तर बंगाल राज्य परिवहन कॉरपोरेशन के बेड़े की 30 बसें पहाड़ी क्षेत्र के कई जगहों से गुजरती है। इसमें तेनजिंग नार्गे बस टर्मिनल (सिलीगुड़ी) की बसों को गुरुवार रात से सेवा में लगाया गया है।

जीजेएम ने उत्तरी बंगाल के पहाड़ी इलाकों में 12 घंटे के बंद का आह्वान किया है। इसमें दार्जिलिंग व कालिम्पोंग जिले, मिरिक उपसंभाग शामिल है। जीजेएम ने पुलिस के शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर पुलिस के अंधाधुंध कार्रवाई पर यह विरोध प्रदर्शन किया है।

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