अन्तर्राष्ट्रीय

इस देश की महिलाओं का बच्चों से हुआ मोह-भंग, नहीं चाहती बच्चा

ताइपे | ताइवान में दफ्तरों में काम करने वाली कुल महिलाओं का पांचवां हिस्सा वित्तीय परेशानियों की वजह से बच्चा नहीं चाहता, क्योंकि एक ही बच्चे का लालन-पालन उनकी सबसे बड़ी चिंता है। एक सर्वेक्षण मे यह बात सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, 1111 जॉब बैंक ने देर सोमवार को एक सर्वे के नतीजों को जारी किया, जिसमें 874 कामकाजी महिलाओं से सवाल पूछे गए थे। उनमें से 22 फीसदी ने कहा कि उन्हें बच्चा नहीं चाहिए।

जिन महिलाओं ने बच्चे की इच्छा जताई, उनमें से 61 फीसदी ने कहा कि वे दो बच्चे चाहती हैं, जबकि 29 फीसदी ने कहा कि उन्हें एक बच्चा चाहिए। लगभग 15 फीसदी महिलाओं ने कहा कि स्वास्थ्य, वित्तीय समस्या तथा चाइल्ड सपोर्ट की कमी के कारण गर्भधारण को टाल दिया है।

1111 जॉब बैंक के उपाध्यक्ष डैनियल ली ने कहा कि साल 2017 में औसत मासिक व्यक्तिगत आय 46,422 न्यू ताइवान डॉलर्स रही, जो 16 वर्षो में सबसे कम है।

ली ने कहा, “उच्च आर्थिक दबाव, जीवन की गुणवत्ता पर ज्यादा जोर, भविष्य के प्रति विश्वास में कमी तथा महिलाओं के अधिकारों में बढ़ोतरी के कारण महिलाएं बच्चे नहीं चाह रहीं।”

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