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कांग्रेस के कमजोर प्रचार से पार्टी हारी : शीला

नई दिल्ली | दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस की कद्दावर नेता शीला दीक्षित ने कहा कि उनकी पार्टी ने निकाय चुनावों को जीतने के लिए आक्रामक तरीके से प्रचार नहीं किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रहने के बावजूद उन्हें निकाय चुनाव में प्रचार के लिए नहीं बुलाया गया।शीला ने संवाददाताओं से कहा, “कांग्रेस ने आक्रामक तरीके से प्रचार नहीं किया। पार्टी ने वह नहीं किया जिससे वह चुनाव जीत सकती थी।” शीला ने इंडिया टुडे टीवी से कहा, “एमसीडी चुनाव में हार की जिम्मेदारी स्थानीय नेता (दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन) की है। इसमें हाईकमान को घसीटा नहीं जाना चाहिए। कांग्रेस प्रदेश समिति को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।”

उनका यह बयान ऐसे समय में आया जब पार्टी की हार की जिम्मेदारी लेते हुए अजय माकन ने पद से इस्तीफे की पेशकश की। शीला ने दिल्ली कांग्रेस के मौजूदा नेतृत्व से तकरार के संकेत भी दिए। उन्होंने कहा कि पार्टी को जिस तरीके से प्रचार करना चाहिए था, वैसा नहीं किया गया। उनसे जब यह पूछा गया कि उन्होंने एमसीडी चुनाव में कांग्रेस के लिए प्रचार क्यों नहीं किया तो कांग्रेस की वरिष्ठ नेता ने कहा, “मुझे किसी ने इसके लिए बोला ही नहीं।”

शीला ने कांग्रेसी नेता अरविंदर सिंह लवली और बरखा शुक्ला सिंह के भाजपा में शामिल होने के लिए पार्टी के कमजोर नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, “एक ही शख्स पर आरोप नहीं लगाया जाना चाहिए। पार्टी की सामूहिक जिम्मेदारी है।”

यह पूछने पर कि दिल्ली का मध्यवर्ग जिसने कई वर्षो तक शीला के लिए वोट किया, वह अब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के लिए वोट कर रहा है? इसके जवाब में शीला ने कहा, “यह वोट न मोदी और न मेरे लिए था।”

मतगणना के रुझानों में कांग्रेस के प्रदर्शन पर शीला ने कहा, “यह सही है कि पार्टी को जिस आक्रामक तरीके से वापसी करनी चाहिए थी, वैसा नहीं हुआ। इस पर पार्टी में मंथन होगा और चिंतन किया जाएगा कि कहां कमी रह गई और कैसे आगे की रणनीति बनाई जाए, क्योंकि अगला चुनाव अब लोकसभा का और फिर दिल्ली में विधानसभा का होगा।”

शीला ने ईवीएम में गड़बड़ी की आम आदमी पार्टी (आप) की शिकायतों पर कहा, “हारने वाला ईवीएम में गड़बड़ी की बात करता है, जबकि जीतने वाले को सब सही लगता है। इस बारे में सरकार और निर्वाचन आयोग को तय करना है। लेकिन यह जरूर है कि यदि कोई शंका होती है तो इसे दूर करने की कोशिश सरकार की ओर से की जानी चाहिए।”

कांग्रेस के खराब प्रदर्शन पर शीला दीक्षित ने कहा, “कांग्रेस बुरे दौर से गुजर रही है। भाजपा भी काफी लंबे समय से सत्ता से गायब थी। हम वापसी करेंगे। कांग्रेस की रूह हिंदुस्तान में बसती है। लोग इसे समझेंगे।”

 

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