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गायों की तस्करी रोकने को जारी होगा यूआईडी नंबर

इस समिति ने केन्द्र सरकार को कई सिफारिशें दी हैं। इसमें से एक सिफारिश में कहा गया है कि गायों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए अद्वितीय पहचान संख्या (UID) की भी मांग की गई है।

क्या-क्या हैं सिफारिशें

1) इस रिपोर्ट में कहा गया है कि छोड़े गए जानवरों की सुरक्षा और देखभाल की जिम्मेदारी मुख्य रूप से राज्य सरकार की है। रिपोर्ट में कहा गया कि हर जिले में छोड़े गए जानवरों के लिए 500 की क्षमता वाला एक शेल्टर होम होना चाहिए।

2) दूध देने की उम्र तक पशुओं की विशेष देखभाल की जानी चाहिए इससे परित्यक्त पशुओं की तस्करी को कम करने में मदद मिलेगी। शेल्टर होम का वित्तपोषण राज्य सरकार द्वारा किया जाना चाहिए। मौजूदा आश्रय घरों में सुविधा और मानव संसाधनों की कमी है।

3) किसानों के लिए ऐसी योजनाएं शुरू करनी चाहिए जिससे वे पशु बेचने के लिए मजबूर होने से बच सकें।

4) भारत में मौजूद हर गाय और उसकी संतान को आधार कार्ड की ही तरह एक UID नंबर जारी किया जाए और उन्हें इसी के आधार पर ट्रैक भी किया जा सके।

5) बांग्लादेश में पशुओं की तस्करी को रोकने के लिए जनता से सक्रिय समर्थन और सहयोग की मांग की जानी चाहिए। लोगों को टोल फ्री हेल्पलाइन नंबरों के माध्यम से सड़कों पर पशुओं की गतिविधियों से संबंधित जानकारी देने के लिए कहा जाना चाहिए।

गौरतलब है कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर गायों की तस्करी का मामला बहुत पेंचीदा है। मवेशियों की तस्करी सीमा पर फायरिंग का भी मुख्य कारण है। केंद्र सरकार द्वारा इस पर काफी सख्ती की जा रही है जिससे इस पर पूरी तरह से अंकुश लगाया जा सके। गौर हो कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस बारे में अपनी सिफारिश केंद्र सरकार को सौंपी है।

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