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बिहार में शराबबंदी के लिए नीतीश ‘अणुव्रत पुरस्कार’ से सम्मानित

पटना | बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ‘अणुव्रत पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया है। जैन श्वेतांबर तेरापंथ धर्म संघ के आचार्य महाश्रमण ने राज्यपाल रामनाथ कोविंद की उपस्थिति में नीतीश को इस पुरस्कार से सम्मानित किया। समाज में बेहतरीन और प्रेरणा स्रोत कार्य करने वालों को दिए जाने वाला यह पुरस्कार राज्य में पूर्ण शराबबंदी के लिए मुख्यमंत्री को प्रदान किया गया।
इस असवर पर जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में शराबबंदी का फैसला राजनीतिक कारणों से नहीं बल्कि सामाजिक परिवर्तन की बुनियाद रखने के लिए लिया गया है।
उन्होंने कहा, “देश के विभिन्न इलाकों में जिस तरह से शराबबंदी लागू करने के लिए आवाज उठ रही है, मुझे विश्वास है कि उन इलाकों के शासक वर्ग पर जनभावना का असर होगा। सामाजिक परिवर्तन हमारे लिए राजकाज से कई गुणा अधिक महत्वपूर्ण है।” मुख्यमंत्री पटना में ‘अणुव्रत पुरस्कार 2016’ प्राप्त करने के बाद आयोजित समारोह में कहा कि वे प्रारंभ से ही शराब के खिलाफ रहे हैं।
राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने कहा कि आज संपूर्ण विश्व हिंसा और आतंकवाद के खतरों से त्रस्त है। आज सभी आयात्मिकता की ललक में पुन: भारतवर्ष की ओर आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘जीवन का सदुपयोग कैसे हो’ इस विषय में भारतीय राष्ट्र संतों और महात्माओं ने अपने संदेशों से बराबर जन-मानस का मार्गदर्शन किया है।
राज्यपाल ने कहा, “आचार्य महाश्रमण जी का संदेश है कि संसार में आध्यात्मिक, नैतिक व चारित्रिक विकास के बिना किसी भी राष्ट्र का सर्वांगीण विकास संभव नहीं।”  राज्यपाल ने ‘अणुव्रत पुरस्कार’ से सम्मानित होने पर मुख्यमंत्री को बधाई देते हुए कहा कि पूर्ण शराबबंदी का राज्य सरकार का निर्णय एक ऐतिहासिक, साहसिक और सामाजिक सुधार की दिशा में अत्यंत क्रांतिकारी निर्णय है।
राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने शराबबंदी से संबंधित बिल को बहुत सोच समझकर अपनी मंजूरी प्रदान की थी। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आचार्य महाश्रमण ने कहा कि उनकी अहिंसा-यात्रा समाज में सद्भावना, नौतिकता और नशामुक्ति के प्रति चेतना विकसित करने के उद्देश्य से है। कार्यक्रम में साध्वी प्रमुख कनकलता, अणुव्रत समिति के अयक्ष सुरेंद्र जैन, टीकमचंद सेठिया, तनसुख वैद्य सहित कई अन्य लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

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