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धनशोधन में दिल्ली के वकील, बैंक प्रबंधक को न्यायिक हिरासत

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नई दिल्ली | राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने 60 करोड़ रुपये मूल्य के विमुद्रित नोटों को नए नोटों से बदलने के आरोप में गिरफ्तार एक वकील तथा कोटक महिंद्रा बैंक के प्रबंधक को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पूछताछ के लिए और अधिक हिरासत की मांग न करने के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजकुमार त्रिपाठी ने वकील रोहित टंडन तथा कोटक महिंद्रा बैंक के प्रबंधक आशीष कुमार को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
इस बीच, टंडन ने जमानत की अर्जी दाखिल की है। अदालत ने ईडी से जवाब मांगा है और मामले की सुनवाई की अगली तारीख चार जनवरी मुकर्रर की है। ईडी ने टंडन को 60 करोड़ रुपये के विमुद्रित नोटों को बैंक के प्रबंधक की मिलीभगत से नए नोटों से बदलने के आरोप में बीते 28 दिसंबर को गिरफ्तार किया था।
ईडी अधिकारियों ने लगभग एक सप्ताह तक पूछताछ के बाद टंडन को गिरफ्तार किया था और धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत मुकदमा दर्ज किया था। आशीष कुमार को बुधवार को गिरफ्तार किया गया। ईडी के सूत्रों ने कहा है कि टंडन ने 34.93 करोड़ रुपये के विमुद्रित नोटों को नए नोटों से बदलने के लिए कमिशन के रूप में 1.5 करोड़ रुपये की रकम आशीष कुमार को दी, जो कनॉट प्लेस में कोटक महिंद्रा बैंक की शाखा में कार्यरत हैं।
दिल्ली पुलिस द्वारा 10 दिसंबर को की गई छापेमारी में टंडन के ग्रेटर कैलाश-1 स्थित कार्यालय से कुल 13.65 करोड़ रुपये की रकम जब्त की गई, जिनमें 2.6 करोड़ रुपये मूल्य के नए नोट थे।
इस कार्रवाई से पहले, टंडन की टीएंडटी कानून कंपनी कार्यालय और आवास की आयकर विभाग ने अलग-अलग तलाशी ली। आयकर विभाग ने कहा कि उन्होंने 125 करोड़ रुपये से अधिक के काले धन की घोषणा की थी।

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