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उत्तराखंड में उद्योगों को दिया जाएगा बढ़ावा, सरकार ने तेज की पहल

देहरादून। उत्तराखंड में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने पहल तेज कर दी है। उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने उद्योग विभाग की पांच अलग-अलग पॉलिसियों को मंजूरी दी है। पॉलिसियों को मंजूरी मिलने के बाद अब प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और राज्य इन्वेस्टर फ्रेंडली राज्य की दिशा में आगे बढ़ेगा। उद्योग सचिव पंकज पांडे ने बताया कि उद्योग विभाग की पांच अलग-अलग पॉलिसियों को मंजूरी दी गई है। जिसमें सबसे महत्वपूर्ण स्टार्टअप पॉलिसी 2023 है जोकि उत्तराखंड के नए इंवेंशन को बढ़ावा देगी। उन्होंने बताया कि इससे पहले उत्तराखंड में स्टार्टअप पॉलिसी 2018 लागू थी जो कि अब पूरी हो चुकी है और नई पॉलिसी के रूप में स्टार्टअप पॉलिसी 2023 लाई गई है।

इसके साथ ही कस्टमाइज पैकेज पॉलिसी के बारे में जानकारी देते हुए उद्योग सचिव पंकज कुमार पांडे ने बताया कि उत्तराखंड में आने वाले बड़े इन्वेस्टर के लिए बेहतर प्लेटफार्म डिवेलप करने और उनकी सुलभता के अनुसार प्रदेश में इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देने के लिए पॉलिसी के इधर यदि कुछ बदलाव करना पड़े तो उसके लिए भी प्रावधान किया गया है। कस्टमाइज पैकेज पॉलिसी के तहत जो आएंगे और पॉलिसी और मानकों से इतर प्रदेश हित में बड़े प्रोजेक्ट्स को लाने के लिए मुख्यमंत्री स्तर पर स्वीकृति की जा सकती है। जिसको कि आज पॉलिसी के रूप में लाया गया है। उत्तराखंड में अब निजी भूमि धारक भी अपनी भूमि को इंडस्ट्रियल भूमि में परिवर्तित कर सकते हैं जिसके लिए आज कैबिनेट में उद्योग विभाग द्वारा बनाई गई पॉलिसी को मंजूरी मिल गई।

उद्योग सचिव पंकज पांडे ने बताया कि उत्तराखंड में कई निजी भूमि धारकों के पास उद्योग धंधे लगाने के लिए भूमि है लेकिन उसको इंडस्ट्रियल भूमि में परिवर्तित करने के लिए अब तक नियम नहीं थे जिसे कि अब आसान कर दिया गया है। निजी भूमि धारक यदि उद्योग स्थापित करना चाहता है तो उसे 10 लाख प्रति एकड़ का सपोर्ट उद्योग विभाग द्वारा दिया जाएगा। उत्तराखंड में उद्योग विभाग द्वारा हर साल अपने कुछ लक्ष्य निवेश को लेकर के तय किए जाते हैं इन लक्ष्यों के बारे में बताते हुए उद्योग सचिव पंकज पांडे ने बताया कि विगत वर्ष उद्योग विभाग का साथ हजार करोड़ का लक्ष्य था जो कि पूरा हो गया था। तो वहीं इस वित्तीय वर्ष में भी 11 हजार करोड़ के इन्वेस्टमेंट का लक्ष्य रखा गया है। तो वही उद्योग विभाग की इन पांच नई पॉलिसियों के बदौलत उद्योग विभाग का अगले वित्तीय वर्ष का लक्ष्य 15 से 20 हजार करोड रुपए का होगा जिसे की विवाह आगामी वित्तीय वर्ष में पूरा करने का प्रयास करेगा।

 

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