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कानपुर देहात में मां-बेटी की जलकर मौत के मामले में SDM, थाना प्रभारी समेत समेत 11 नामजद, पीड़ितों ने 5 करोड़ मुआवजा मांगा

कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर में मां-बेटी के जलकर मौत के मामले में 24 से अधिक लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इसमें उपजिलाधिकारी मैथा, तहसीलदार, कानूनगो, लेखपाल, थानाध्यक्ष रूरा समेत 11 नामजद भी हुए हैं। इसके अलावा एक दर्जन से ज्यादा अज्ञात लोगों पर भी हत्या, हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है। गौरतलब है कि ये मामला कानपुर थाना रूरा के मड़ौली गांव का है।

पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की टीम मड़ौली पंचायत के चालहा गांव में ग्राम समाज की जमीन से कब्जा हटाने पहुंची थी। पीड़ित ने कानपुर देहात के मैथा तहसील में तैनात एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद और रूरा थाना प्रभारी दिनेश कुमार गौतम समीर लेखपाल अशोक सिंह को आरोपी बताया है। पीड़ित परिवार का आरोप यह है कि कब्जे को ध्वस्त करने के चलते प्रशासनिक अधिकारियों ने मिलकर कृष्ण गोपाल दीक्षित के परिवार को झोपड़ी में जबरन कैद कर उस पर आग लगा दिया। इसके चलते झोपड़ी के अंदर फंसी मां-बेटी को आग ने अपनी चपेट में ले लिया और दोनों की झुलस कर मौत हो गई। इसके बाद कानपुर देहात के मंडोली गांव में पुलिस और प्रशासन पर ग्रामीणों और परिजनों ने हमला कर दिया. घटना की जानकारी मिलते ही कानपुर रेंज के आईजी और एडीजी जून सहित मंडलायुक्त राजशेखर भी मौके पर पहुंचे।

वहीं कुछ ही देर में कानपुर देहात से लेकर कानपुर नगर तक के अधिकारियों का अमला इस गांव में पहुंच कर इसे छावनी में तब्दील कर दिया. वहीं पीड़ित कृष्ण कुमार दीक्षित का कहना है कि उनका परिवार काफी लंबे समय से इस भूमि पर काबिज है। इस वजह से उनके परिवार के ही रिश्तेदार उनका विरोध करते चले आ रहे हैं और प्रशासनिक अधिकारियों से मिलीभगत कर उन्होंने उनकी झोपड़ी में आग लगवा दी. इसके चलते उनकी बेटी और पत्नी की आग से जलकर मौत हो गई. वहीं देर रात तक प्रशासन परिवार को समझाने की कोशिश करता रहा और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने का प्रयास कर रहा था।

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