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उत्तराखंडः छह हजार से अधिक पशु लंपी बीमारी से ग्रसित, 119 पशुओं की हो चुकी है मौत

प्रदेश में छह हजार से अधिक पशु लंपी बीमारी से ग्रसित हैं। वहीं अब तक बीमारी से 119 पशुओं की मौत हुई है। गुरूवार को पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने लंपी बीमारी की स्थिति और बचाव की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बीमारी से बचाव के लिए प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में पशुओं को गोटपॉक्स वैक्सीन लगाई जाए।

सचिवालय के वीरचंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में विभागीय मंत्री ने लंपी बीमारी की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि हरिद्वार, देहरादून व ऊधमसिंह नगर जिले में अब तक 6506 पशु लंपी बीमारी से ग्रसित हैं। जिनका उपचार किया जा रहा है। इसमें 2456 पशु स्वस्थ हो चुके हैं। 119 पशुओं की मौत हुई है।

प्रदेश में लंपी बीमारी से पशुओं के स्वस्थ होने की दर 40 प्रतिशत और मृत्यु दर 1.8 प्रतिशत है। विभाग के माध्यम से पशुओं में रोग की रोकथाम के लिए 1.8 लाख गोटपॉक्स वैक्सीन खरीद कर जिलों को उपलब्ध कराई गई है। अब तक 49820 पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है।

तीन विभागीय उच्चाधिकारियों की समिति गठित करने के निर्देश

विभागीय मंत्री बहुगुणा ने पशुओं के टीकाकरण की धीमी गति पर नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को अतिरिक्त टीमों का गठन कर टीकाकरण में तेजी लाने के निर्देश दिए। रोग की रोकथाम के लिए जिला हरिद्वार में अपर निदेशक गढ़वाल व देहरादून में संयुक्त निदेशक रोग नियंत्रण की देखरेख में कार्य को कहा।

कुमाऊं मंडल में रोग से बचाव के लिए उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे गांवों व नैनीताल के रामनगर क्षेत्र में भी पशुओं का टीकाकरण किया जाए। मंत्री ने देहरादून व हरिद्वार जिले में सैनिटाइजेशन व कीट नियंत्रण के लिए जिलाधिकारियों के साथ वार्ता की। दोनों जिलों में वैक्टर नियंत्रण के लिए तीन विभागीय उच्चाधिकारियों की समिति गठित करने के निर्देश दिए।

सचिव पशुपालन डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने राज्य के पशुपालकों का किसान क्रेडिट कार्ड बनाने के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए। इस पर मंत्री ने संबंधित मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारियों को जिलों के लीड बैंक मैनेजर से संपर्क कर लक्ष्य हासिल करने को कहा। इस मौके पर निदेशक पशुपालन डा. प्रेम कुमार, संयुक्त निदेशक डेयरी विभाग जयदीप अरोड़ा, संयुक्त निदेशक रोग नियंत्रण डा. देवेंद्र शर्मा आदि उपस्थित थे।

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