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प्रदेश में अस्‍पतालों की सुविधा और दवाओं की उपलब्‍धता पर योगी सरकार की पैनी नजर

लखनऊ। प्रदेश में कोरोना संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए जमीनी स्‍तर पर तेजी से काम किया जा रहा है। प्रदेश में 24 घंटे इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर को सक्रिय करने के निर्देश सीएम ने दिए हैं। निगरानी समितियों ने कोरोना काल में अहम भूमिका निभाई है ऐसे में तीसरी लहर को लेकर प्रदेश के हर जिले में निगरानी समितियों को सक्रिय किया जा रहा है। सीएम ने गांवों में प्रधान के नेतृत्व में और शहरी वार्डो में पार्षदों के नेतृत्व में निगरानी समितियां क्रियाशील करने के आदेश अधिकारियों को दिए हैं।

प्रदेश में 75 हजार से अधिक निगरानी समितियों ने मोर्चा संभाल लिया है। जो घर-घर संपर्क कर बिना टीकाकरण वाले लोगों को चिन्हित कर रही हैं। ये निगरानी समिति‍यां इन लोगों की सूची तैयार कर जिला प्रशासन को दे रही हैं। सभी जिलों में स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की ओर से जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। प्रदेश के 500 से अधिक अस्‍पतालों में मॉक ड्रिल किया गया। तीसरी लहर को ध्‍यान में रखते हुए प्रदेश के मास्टर ट्रेनरों का प्रशिक्षण पूरा किया जा चुका है। डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ आदि के लिए पीडियाट्रिक केयर ट्रेनिंग का कार्य भी जिलेवार तेजी से किया जा रहा है। सभी के विधिवत प्रशिक्षण की समुचित व्यवस्था भी सरकार कर रही है।

दस से लगेगी बूस्‍टर डोज

आगामी विधानसभा चुनावों में पुलिस बल की महती भूमिका को देखते हुए कोविड से बचाव के लिए सभी इंतज़ाम करने के निर्देश सीएम ने दिए हैं। प्रदेश में 10 जनवरी से सभी कोरोना वॉरियर्स, हेल्थकेयर व फ्रंटलाइन वर्कर्स के साथ ही 60 वर्ष से ऊपर की आयु के को-मॉर्बीडिटी वाले नागरिकों को प्री-कॉशन डोज दी जाएगी। सीएम ने पुलिस बल के हर सदस्य को प्री-कॉशन डोज देने के आदेश दिए हैं। प्रदेश में लगभग 10 लाख फ्रंटलाइन वर्कर्स व 10 लाख हेल्‍थ केयर वर्कर्स को ये बूस्‍टर डोज दी जाएगी।

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