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इस दिन होगी बैंक की हड़ताल, जानिए क्या है वजह

इन दिनों दिवाली का सीजन चल रहा है। त्योहारी सीजन में सभी को पैसे की बेहद  जरूरत पड़ती है। इस बार दिवाली से पहले आपको अगर बैंक से पैसे निकालने है तो जल्द ही पैसे का इंतजाम कर लीजिये। क्योंकि दिवाली से ठीक 5 दिन पहले ही मतलब आने वाली तारीख 22 अक्टूबर को बैंकिंग सेवाएं अवरोधित हो सकती हैं।

दो बड़े बैंकिंग यूनियनों ने लिया बैंकिंग हड़ताल करने का फैसला

22  अक्टूबर को भारत के दो बड़े बैंकिंग यूनियनों ने बैंकिंग हड़ताल करने का फैसला किया है। वहीँ दूसरी तरफ देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने बताया है कि इस हड़ताल का उनके संचालन पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा। भारतीय स्टेट बैंक ने कहा है कि उसके ज्यादातर स्टाफ इन दोनों यूनियनों के सदस्य नहीं है।

कस्टमर सर्विस से प्रभावित होने का डर

वहीं, दूसरी तरफ बैंक ऑफ महाराष्ट्र और सिंडिकेट बैंक इस हड़ताल को लेकर चिंतित हैं। इन बैंकों को कस्टमर सर्विस से प्रभावित होने का डर परेशान कर रहा है। सिंडिकेट बैंक द्वारा नियामकीय फाइलिंग में ये कहा गया है कि इनकी सभी ब्रांचों की कार्यप्रणाली को सही तरीके से चलाने के लिए बैंक ने कुछ जरूरी कदम उठाये हैं। इसके बावजूद भी हड़ताल के दिन सेवाओं पर काफी असर पड़ सकता है।

देश के सबसे बड़े ये बैंक कर रहे हैं हड़ताल का आह्वाहन

देश के सबसे बड़े बैंक यूनियन ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉई एसोसिएशन (AIBEA) और बैंक एम्पलॉई फेडरेशन ऑफ इंडिया (BEFI) ने इस हड़ताल का आह्वाहन किया है।

आखिर क्यों ये बैंक करेंगे हड़ताल

सरकार ने हाल ही में बैंकों का विलय किया और डिपॉजिट रेट में कटौती भी की जिसके के विरोध में इन दोनों बैंकों ने इस हड़ताल का आह्वाहन किया है। ये हड़ताल 22 अक्टूबर को की जाएगी। इस हड़ताल में 7 अन्य बैंक यूनियनों ने भाग लेने से साफ़ इनकार कर दिया है। इन 7 अन्य बैंक यूनियनों 3 कर्मचारी यूनियन और 4 अधिकारी यूनियन मौजूद हैं।

एसबीआई के बैंक संचालन पर ज्यादा प्रभाव नही

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा है कि 22 अक्टूबर को होने वाली हड़ताल में भाग लेने वाले यूनियनों में उनके कर्मचारियों के मेंबरशिप की संख्या बहुत कम है। इस प्रकार बैंक हड़ताल का स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के  बैंक संचालन पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा।

पहले भी की थी हड़ताल की मांग पर ले ली थी वापस

हड़ताल का आह्वाहन करने वाले दोनों यूनियनों ने बताया है कि वो बैंकिंग जॉब्स में रेग्युलर आउटसोर्सिंग, बैंकिंग इंडस्ट्री के प्राइवेटाइजेशन का विरोध करने के लिए ये हड़ताल कर रहे हैं। बैंक यूनियन ने ये मांग रखी है कि क्लेरिकल और सब स्टॉफ का रिक्रुटमेंट कराया जाए और फंसे कर्ज को सही वक्त पर रिकवर किया जाए। पिछले महीने में ही अधिकारी यूनियनों ने 26 और 27 सितंबर को बैंक की दो दिवसीय हड़ताल का ऐलान किया था, पर इसे बाद में वापस ले लिया गया था।

रिपोर्ट – श्वेता वर्मा 

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