IANS

आईएनएक्स मामले में कार्ति की भारत और विदेश की संपत्ति कुर्क

नई दिल्ली, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)| प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को कहा कि उसने आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में जारी अपनी जांच के संबंध में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम और एक कंपनी की 54 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है। कार्ति चिदंबरम ने एजेंसी के इस कदम को ‘अजीब व विचित्र’ करार दिया और कहा कि वह इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।

ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, “हमने कार्ति की 54 करोड़ रुपये के मूल्य की छह संपत्तियां कुर्क की हैं।”

इस संपत्ति में ब्रिटेन के समरसेट में 8.67 करोड़ की एक कॉटेज, स्पेन के गावा में 14 करोड़ रुपये की जमीन और एक टेनिस क्लब शामिल है।

विदेशी संपत्तियों को कुर्क करने की प्रक्रिया के बारे में बताते हुए अधिकारी ने कहा, “हम वहां के सक्षम अधिकारियों को कुर्की आदेश भेजेंगे ताकि कुर्की की प्रक्रिया को पूरा किया जा सके।”

विदेशी संपत्तियों के अलावा ईडी ने नई दिल्ली के जोरबाग इलाके में 16 करोड़ रुपये की जमीन व अन्य संपत्ति, तमिलनाडु के उटी में एक 50 लाख व एक 3.75 करोड़ रुपये का बंगला और कोडइकनाल में 25 लाख रुपये की कृषि जमीन को भी कुर्क किया है। जोरबाग स्थित जमीन में कार्ति की मां नलिनी चिदंबरम भी 50 फीसद की हिस्सेदार हैं।

चेन्नई के एक बैंक में एडवांटेज स्ट्रेटीजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड (एएससीपीएल) का 90 लाख फिक्सड डिपॉजिट भी कुर्क कर लिया गया है। यह संपत्ति कार्ति चिदंबरम और एएससीपीएल के नाम पर है। कंपनी के कथित रूप से कार्ति के साथ संबंध हैं।

ईडी ने इसी मामले में पीटर और इंद्रानी मुखर्जी की संपत्ति को भी जब्त किया है।

यह संपत्तियां धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की धाराओं के तहत जब्त की गईं हैं।

कार्ति ने ट्वीट कर कहा, “एक अजीब व विचित्र अटैचमेंट आदेश, जो कानून और तथ्यों पर नहीं बल्कि मूर्खतापूर्ण अनुमान पर आधारित है।”

उन्होंने कहा, “यह केवल हेडलाइन बनाने के लिए किया गया है। यह आदेश न्यायिक जांच, समीक्षा या अपील का सामना नहीं कर पाएगा। हम उपयुक्त कानूनी कदम का सहारा लेंगे।”

कार्ति कई मामलों में ईडी और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की जा रही है जांच का सामना कर रहे हैं। इनमें 2007 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी दिलाने, 2006 में एयरसेल-मैक्सिस मामले में कथित अनियमितता और धनशोधन मामला शामिल है।

 

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