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ये 10 ऐसे लोग जिन्होंने आईएस अधिकारी बनने के बाद राजनीति में भी किया कमाल     

आज हम आपको ऐसे कुछ ऐसे लोगो के बारे में बताने जा रहे है जिन्होंने IAS/IFS जैसे एग्जाम निकल कर पहले अधिकारी बने जिसके बाद एक जिन्होंने देश की राजनीति में भी कदम रखा है। इन्होंने राजनीति में भी उतना ही कमाल दिखाया है जितना अपनी नौकरी में। तो चलिए जानते हैं कौन हैं ऐसे महान व्यक्तिव वाले लोग….

1 ओ.पी. चौधरी-

अभी हाल ही में रायपुर के जिला कलेक्टर ओ.पी. चौधरी खबरों में आए थे। जो कि 2005 बैच के आईएएस अफसर रह चुके हैं और भाजपा ज्वाइन करने के लिए अपने पद से बीते हफ्ते ही इस्तीफा दिया है। चौधरी ने अपनी नौकरी छोड़ी क्योंकि वह कुछ अलग करना चाहते थे। इस बार के विधानसभा चुनावों में वह अपने घर के निर्वाचन क्षेत्र खरसिया से चुनाव लड़ सकते हैं।

2 अजीत जोगी-

 

अजीत जोगी ने जिस वक्त राजनीति से जुड़ने का फैसला किया तब वह जिला कलेक्टर थे। वह 1968 बैच के आईएएस अफसर रह चुके हैं। वह तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कहने पर कांग्रेस में शामिल हुए थे। जिसके बाद वह छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री बने। गांधी परिवार का वफादार होने के कारण जोगी पर कई बार भ्रष्टाचार और आपराधिक मामलों के आरोप लग चुके हैं।

3 यशवंत सिन्हा-

पटना में जन्मे यशवंत सिन्हा 1960 में आएएस अफसर बने। वह इस पद पर 1984 तक रहे। इसके बाद 1990-91 के दौरान चंद्रशेखर की कैबिनेट में वित्त मंत्री रहे। भाजपा से पहले वह जनता दल के नेता थे। इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में वित्त मंत्री और विदेश मामलों के मंत्री बने। उन्होंने इसी साल भाजपा को छोड़ दिया है। लेकिन उनके बेटे जयंत सिन्हा मोदी सरकार में नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री हैं।

4 मीरा कुमार-

बिहार के आरा में जन्मीं मीरा कुमार भारत की पहली महिला लोकसभा स्पीकर बनीं। वह 2009-14 तक लेकसभा के स्पीकर के पद पर रहीं। उनके पिता बाबू जगजीवन राम भारत के चौथे उप प्रधानमंत्री रह चुके हैं। उन्होंने आईएफएस के पद पर अपना कार्यभार 1973 को संभाला और काफी लंबे समय तक काम किया। कांग्रेस ने मीरा को 2017 के राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर खड़ा किया था लेकिन वह रामनाथ कोविंद से चुनाव हार गईं।

5 अरविंद केजरीवाल-

अरविंद केजरीवाल इस वक्त दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने 1989 से आईआईटी खड़गपुर से मकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की और 1992 में भारतीय राजस्व सेवा से जुड़ गए। इसके बाद उन्होंने सूचना के अधिकार को लेकर आंदोलन भी किया और साल 2006 में रेमन मेगसेसे पुरस्कार से सम्मानित हुए।

6 हरदीप सिंह-


हरदीप सिंह पुरी इस वक्त केंद्रीय शहरी कार्य मंत्री हैं। उन्होंने 1974 में  आएफएस ज्वाइन की और ब्रिटेन तथा ब्राजील में राजदूत बनकर भी रहे हैं। वह संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि और दो बार यूएन की सिक्योरिटी काउंसिल के के अध्यक्ष भी रहे हैं। 2011-2012 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद काउंटर-आतंकवाद समिति के चेयरमेन रह चुके हैं। वह जनवरी 2014 में भाजपा से जुड़े।

7 मणिशंकर अय्यर-

लाहौर में जन्मे मणिशंकर अय्यर 1963 में आईएफएस सर्विस से जुड़े और 1989 में सेवानिवृत होने के बाद कांग्रेस से जुड़ गए। उन्होंने तमिलनाडु के मायिलादुतुरई निर्वाचन क्षेत्र से 1991 में लोकसभा का चुनाव लड़ा। वह मई 2004 से जनवरी 2006 तक प्राकृतिक गैस और पेट्रोलियम तथा 2009 तक युवा कार्यकलाप और खेल मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।

8 राज कुमार सिंह-

राज कुमार बिहार-कैडर के 1975 बैच के आईएएस अफसर रह चुके हैं। जब 1990 में भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी रथ यात्रा के चलते गिरफ्तार हुए थे तो उस वक्त वह समस्तीपुर के जिला मजिस्ट्रेट थे। वह 2013 में भाजपा से जुड़े। इस वक्त वह केंद्रीय बिजली, नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री हैं।

9 सत्यपाल सिंह-

सत्यपाल सिंह महाराष्ट्र कैडर के 1980 बैच के आईपीएस अफसर रह चुके हैं। उन्होंने मुंबई के पुलिस कमिश्नर के तौर पर भी काम किया है। उन्हें आंध्रप्रदेश और मध्यप्रदेश के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में असाधारण सेवाएं देने के लिए साल 2008 में आतंरिक सुरक्षा सेवा पदक से सम्मानित किया गया था।

साल 2014 में उन्होंने मुंबई के पुलिस चीफ के पद से इस्तीफा देने के बाद भाजपा ज्वाइन कर ली। फिर बागपत सीट से 2014 में लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की।

10 अल्फांसो कन्ननथानम-

अल्फांसो कन्ननथानम केरल के कोट्टायम जिले के रहने वाले हैं और 1979 बैच के आईएएस अफसर रह चुके हैं। वह खबरों में उस वक्त आए जब वह 1990 में दिल्ली विकास प्राधीकरण के कमिश्नर के पद पर काम कर रहे थे। उन्होंने उस वक्त कई गैर कानूनी बिल्डिंगों को ध्वस्त कर दिया था और 10,000 करोड़ की भूमि पर पुनः दावा किया। वह 2006 में आईएएस के पद से सेवानिवृत हुए और कोट्टायाम से चुनाव लड़ा। 2011 में भाजपा से जुड़े और राजस्थान के राज्यसभा से एमपी बने। इस वक्त वह इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री और पर्यटन राज्य मंत्री भी हैं।

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