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क्वांटम फिल्ट्रेशन प्रौद्योगिकी प्रदूषित जल को बनाती है पेयजल

नई दिल्ली, 13 अगस्त (आईएएनएस)| हांगकांग की जल प्रबंधन कंपनी विराकोचा ग्लोबल लि. ने एक क्रांतिकारी क्वांटम वॉटर फिल्ट्रेशन प्रौद्योगिकी की घोषणा की है।

इस तकनीक से पानी से बैक्टीरिया, भारी धातु, कीटनाशकों और एंटीबायोटिक्स को हटाया जा सकता है, जिससे पानी पीने लायक बन जाता है। कंपनी का दावा है कि इस तकनीक में पानी के जरूरी खनिज लवण बरकरार रहते हैं तथा पीने के लिए आदर्श पानी मिलता है।

कंपनी ने सोमवार को एक बयान में कहा कि इस प्रक्रिया में न तो पानी का नुकसान होता है और न ही वातावरण में प्लास्टिक घुलता है और न ही इस प्रक्रिया में किसी प्रकार के रसायन का इस्तेमाल किया जाता है। क्यूटीआई प्रौद्योगिकी को फ्रांसीसी शोधकर्ताओं ने चीन के शंघाई में 2014 में ही विकसित किया था। इसका प्रयोग कर घरों और कार्यालयों के इस्तेमाल के लिए आठ अलग-अलग आकार के मॉडल बनाए गए हैं।

क्यूटीआई के निर्माता और फ्रांस के शोधकर्ता पियरे मैकरॉनी ने कहा, क्वांटम प्रौद्योगिकी जल संकट और जल प्रदूषण का समाधान कर सकी है। यह पानी में व्याप्त प्रदूषण का बिग डेटा एनालिसिस करती है और उसी हिसाब से पानी को साफ करती है।

कंपनी ने बताया कि इस वॉटर फिल्टर को उपभोक्ता कूड़े में नहीं फेंकेंगे, बल्कि कंपनी उसे वापस लेकर अपने विनिर्माण संयंत्र में नियंत्रित तरीके से नष्ट करेगी, ताकि पर्यावरण को कोई नुकसान न हो।

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