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गांवों में घराट हब बनाकर उत्तराखंड में रोका जाएगा पलायन, मिलेगा युवाओं को नया रोजगार

हैस्को गांव, देहरादून में रिवर रिचार्जिंग रूरल टैक्नॉलोजी अप्रैजल का निरीक्षण करने पहुंचे सीएम

उत्तराखंड सरकार प्रदेश में नए घराट हब स्थापित करके युवाओं को नए रोजगार और गांवों में नए पर्यटन को बढ़ाने पर ध्यान दे रही है। इसके लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि घराट हब हमारी पारंपरिकता के संरक्षण के साथ ही पर्यटकों के लिए नए आकर्षण केंद्र होंगे। घराट हब पहल से युवाओं के लिए बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

देवभूमि प्रसाद योजना का हरिद्वार, अल्मोड़ा और राज्य के सभी धार्मिक स्थलों पर स्थानीय महिलाओं की मदद से विस्तार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को हैस्को गांव शुक्लापुर अम्बीवाला देहरादून में रिवर रिचार्जिंग रूरल टैक्नॉलोजी अप्रैजल का निरीक्षण किया।

इस मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने खाद्य प्रसस्ंकरण, कौशल विकास, ग्रामीण उद्यम, महिला सशक्तिकरण, स्थानीय उत्पादों के प्रोत्साहन और पर्यावरण संरक्षण व वृक्षारोपण के लिए हैस्को द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा करते हुए पूरी टीम को बधाई व शुभकामनाएं दी।

मुख्यमंत्री रावत ने कहा,” स्थानीय संसाधनों पर आधारित उद्यमों से बड़ी संख्या में स्थानीय महिलाओं, युवाओं को जोड़ने से ही दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों की प्रगति होगी। सामाजिक कार्य करने वाले लोग और सरकार के बीच समन्वय से राज्य को विकास के बेहतर परिणाम मिल सकते है।”

” राज्य सरकार ने ब्लॉक स्तर पर 650 ग्रोथ सेन्टर की कार्ययोजना पर कार्य शुरू कर दिया है। सरकार ने महिला स्वयं सहायता समूहों को एलईडी प्रशिक्षण के साथ ही एलईडी बल्ब वितरण शुरू किया गया है।” सीएम ने आगे कहा।

मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि सरकार की देवभूमि प्रसाद पहल अति सफल रही है। अभी तक इस पहल से महिला समूहों द्वारा केदारनाथ धाम में एक करोड़ 30 लाख रूपए का प्रसाद बेचा जा चुका है। देवभूमि प्रसाद योजना से महिला स्वालंबन व सशक्तिकरण के साथ ही स्थानीय आर्थिकी के सुदृढिकरण का मार्ग प्रशस्त हुआ है।

सीएम ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा जल्द ही अल्मोड़ा में एक घण्टे में एक लाख पौधे लगाने का रिकार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है। रिस्पना व कोसी में सघन वृक्षारोपण द्वारा न केवल नदियों को पुनर्जीवीकरण किया जाएगा। इन स्थलों को नए पर्यटक आकर्षण केन्द्रों के रूप में भी विकसित किया जाएगा।

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