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उत्तराखंड के ऊनी हस्तशिल्प कारीगरों के बहुरेंगे दिन

उत्तरकाशी के नाकुरी, पिथौरागढ़ के मुन्स्यारी और काशीपुर, श्रीनगर के काष्ठ शिल्प को मिलेगा बढ़ावा

उत्तराखंड के हस्तशिल्प को बढ़ावा देने और इसे जुड़े कारीगरों को उत्तराखंड सरकार जल्द ही बड़ा तोहफा देने जा रही है। इससे शिल्पकारों को मार्केट की मांग के अनुसार हस्तशिल्प के उत्पाद तैयार करने में मदद मिलेगी।

हथकरघा व हस्तशिल्प विकास परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य के शिपल्पकारों की मदद करने की बात कहते हुए बताया, ” वास्तविक शिल्पकारों को लाभ पहुंचाया जाना सुनिश्चित किया जाए। हस्तशिल्प में उपयोग किए जाने वाले कच्चे माल विशेष तौर पर रिंगाल व बांस की उपलब्धता पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। भीमल के रेशे के उपयोग पर भी काम किया जा सकता है।”

हथकरघा व हस्तशिल्प विकास परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश।

प्रदेश के शिल्प उत्पादों को बाज़ार उपलब्ध करवाए जाने के लिए विभिन्न मेला प्रदर्शनियों के साथ ही परिषद को गर्वन्मेंट ई-मार्केट (GeM) पोर्टल पर पंजीकृत कराया जा चुका है। नाबार्ड के सहयोग से देहरादून, काशीपुर, चमोली व पिथौरागढ़ में ग्रामीण हाट विकसित किए जा रहे हैं।

मौजूदा समय में उत्तराखंड में भारत सरकार की एकीकृत हस्तशिल्प विकास एवं प्रोत्साहन योजना के तहत 15 सामान्य सुविधा केंद्र स्थापित किए गए हैं। इसमें चुने गए विकासखण्डों में 7,700 टूल किट, शिल्पियों को वितरित किए जा चुके हैं।  उत्तरकाशी के नाकुरी व पिथौरागढ़ के मुन्स्यारी व धारचूला में ऊनी शिल्प पर जबकि काशीपुर व श्रीनगर में काष्ठ शिल्प के तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरे किए जा चुके हैं।

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