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गंगा की बदलेगी तस्वीर, सफाई के साथ-साथ और भी हाईटेक दिखेंगे घाट

उत्तराखंड में नमामि गंगे के तहत किए जा रहे काम पर केंद्र ने की समीक्षा

उत्तराखंड में जल्द ही गंगा की सफाई और घाटों के विकास पर हो रहे कार्यों में तेज़ी आने वाली है। गंगा तटों के विकास पर हो रहे काम पर केंद्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने उत्तराखंड सरकार के साथ समीक्षा बैठक की है। बैठक में मुख्यरूप से उत्तराखंड में नमामि गंगे परियोजना के तहत अब तक किए जा रहे काम की प्रगति पर विशेष चर्चा की गई।

इससे पहले फरवरी में नितिन गडकरी ने ईटी ग्लोबल बिजनस समिट 2018 के दौरान उत्तराखंड में गंगा की सफाई को लेकर कई बाते कहीं थी। समिट के दौरान केंद्रीय मंत्री ने यह बात कही थी कि सरकारी परियोजनाओं और प्रयासों से गंगा की सफाई जल्द ही दिखने लगेगी। वर्ष 2019 तक 80 से 90 फीसदी गंगा की सफाई हो जाएगी। इस पर कल नमामि गंगे कार्यक्रम में हुए काम की समीक्षा केंद्रीय मंत्री ने की।

नमामि गंगे परियोजना के तहत हो रहे काम की समीक्षा करते केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी।

 

नमामि गंगे परियोजना की रिपोर्ट यह बताती है कि गंगा को प्रदूषित करने वाले देश के 10 शहरों में यूपी के कानपुर और इलाहाबाद जैसे शहर है। इसके अलावा उत्तराखंड में औद्योगिक क्षेत्रों व हरिद्वार में भी गंगा का पानी स्वच्छता के मानकों पर खरा नहीं उतरा है। ऐसे में गंगा की सफाई पर शुरू हुई नमामि गंगे परियोजना पर काम तेज़ हुआ है। गंगा के अलावा गंगा की सहायक नदियों और नालों में सीवेज ट्रीटमेंट यूनिट, (ईटीपी- एसटीपी) लगानेका काम हो रहा है।

मौजूदा समय में हरिद्वार से गंगासागर तक गंगा के किनारे हरित पट्टी के विकास के साथ ही पर्यटन -तीर्थाटन को बढ़ावा देने और घाटों को संवारने के लिए 10 हजार करोड़ रुपये की परियोजना बनाई गई है। नमामी गंगे की समीक्षा बैठक में उत्तराखंड के वित्त एवं पेयजल मंत्री प्रकाश पंत भी मौजूद रहें। कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत ने केंद्रीय मंत्री के सामने गंगा सफाई और नमामि गंगे परियोजना में राज्य में अभी तक के हुए विकास कार्यों की स्थिति सामने रखी।

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