जीवनशैली

इस गांव में शादी के बाद 5 दिन दुल्हन को रहना पड़ता निर्वस्त्र

पूरे जीवन में शादी एक ऐसी प्रथा है जो दुनियाभर में सबसे ज्यादा पवित्र मानी जाती है और इस प्रथा को हर जगह अलग-अलग ढंग से पूरा किया जाता है। जैसे कि क्रिश्‍यंस में शादी चर्च में फ़ादर के सामने की जाती है, मुस्लिम धर्म में निकाह किया जाता और हिंदुओं में शादी मुहुर्त के अनुसार की जाती है।

देश विदेश में शादियों को लेकर अलग परंपराएं हैं लेकिन आज हम भारत के एक ऐसे गांव के बारे में बात करने जा रहे हैं जहां अजीबोगरीब रिवाज़ अपनाए किए जाते हैं। इस गांव में शादी के बाद दुल्हन को 5 दिन तक नग्न रखा जाता है। वर्षों से इस गांव में ये परंपरा चली आ रही है जिसमें शादी के बाद पत्नी को निर्वस्त्र रहना पड़ता है।

दरअसल ये प्रथा हिमाचल प्रदेश के गांव में कई सदियों से चली आ रही है। इस प्रथा में ना केवल लड़की को अजीबोगरीब नियमों का पालन करना पड़ता है बल्कि पुरुष भी शादी के 5 दिन बाद तक शराब को हाथ तक नहीं लगा सकते हैं।

दुल्हनइसके अलावा पति-पत्नी एक दूसरे से हंसी मजाक भी नहीं कर सकते हैं। दुल्हन को इसके अलावा शादी के बाद कई बंदिशों में बांध दिया जाता है जिसमें से एक के अनुसार महिलाएं सिर्फ ऊन से बने पट्टू ही पहन सकती हैं। इस गांव में इन प्रथाओं को भगवान के डर से पूरा किया जाता है। गांव वालों का मानना है कि अगर उन्होंने ये प्रथाएं नहीं मानी तो भगवान उनसे गुस्सा हो जाएंगे और गांव पूरी तरह से तबाह बर्बाद हो जाएगा।

भगवान के इस डर से पति-पत्नी को एक-दूसरे से सावन के 5 दिनों में भी दूर रखा जाता है। आपको बता दें कि ये परंपरा इस गांव में सदियों से चली आ रही है। इस देव प्रथा को लोग डर और आस्था की वजह से मानते हैं। इन गांव के लोगों में अंधविश्वास इतना भरा हुआ है कि इन्हें इस बात का अंदाजा नहीं है कि दुल्हन को निर्वस्त्र रख कर कौन से भगवान उनसे प्रसन्न होंगे। गांव की सभी महिलाओं को इस प्रथा का पालन करना पड़ता है अन्यथा उनको और उनके परिवार वालों को गांव से बहिष्कार करके निकाल दिया जाता है।

दुल्हनबता दें कुछ जगहों पर तो दुल्हन को पति चुनने का अवसर ही नहीं दिया जाता तो कई गांव में दूल्हे को अपनी मर्दांगी साबित करने के लिए परीक्षा देनी पड़ती है। इनसे छुटकारा पाने के बाद ही भारत जैसे अं‍धविश्‍वास में डूबे देश तरक्‍की कर सकते हैं। वरना बाहरी तरक्‍की तो हो जाएगी किंतु देश भीतरी तौर पर कमज़ोर और अंधकविश्‍वास में ही जकड़ा रहेगा। बता दें कि यह तो आम बात है कि इसमें लोगों को खुद जागरुक होना चाहिए और सोचना चाहिए कि खुद को कष्‍ट देने से भगवान को प्रसन्‍न नहीं किया जा सकता है।

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