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Rishikesh: मौसमी फ्लू का कहर, बीमार हो गया शहर

ऋषिकेश। शर्दियो की शुरुआत के साथ ही मौसमी फ्लू भी बढ़ता जा रहा है आलम ये है की देवभूमि उत्तराखंड के ऋषिकेश में हर परिवार में फ्लू का मरीज है। एसपीएस राजकीय अस्पताल की सामान्य ओपीडी में मौसमी फ्लू के लक्षणों वाले 60 से 70 मरीज रोजाना इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। निजी क्लीनिकों और अस्पतालों की ओपीडी में ऐसे मरीजों की भीड़ है।

एम्स के फैमिली फिजिशियन डॉ. संतोष कुमार की मने तो मौसम में परिवर्तन के साथ मौसमी फ्लू सामान्य बात है। उन्होंने कहा कि बच्चों, बुजुर्गों और बीमारों के मामले में फ्लू को लेकर खास एहतियात बरतने की जरूरत है। मौसमी फ्लू भी अन्य वायरल संक्रमण की तरह हवा में ड्रापलेट के माध्यम से फैलता है। फ्लू संक्रमित व्यक्ति अगर मास्क का प्रयोग करते तो संक्रमण की संभावना कम हो जाती है। अभी कोरोना को आपदा की श्रेणी से बाहर नहीं किया गया है। वैक्सीनेशन से हमारी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ी है पर सावधानी बरतना जरूरी है।

मौसमी फ्लू के लक्षण
बुखार या ठंड लगना, गले में खराश, बंद नाक, खांसी, मांसपेशियों या शरीर में दर्द, सांस लेने में दिक्कत, छाती में दर्द।

ऐसे करें बचाव
मौसमी फ्लू से बचने के लिए मास्क जरूर पहनेें। कोहरे के दौरान सुबह मार्निग वॉक से बचें। जब आप बाहर से घर में आएं तो अपने हाथ अच्छी तरह धोएं। चेहरे और त्वचा को बार-बार छूने से बचें। खाने की वस्तुओं को साझा न करें। गर्म और ताजा भोजन करें। शीतल पदार्थ का सेवन न करें। गुनगुने पानी का सेवन करें। बाहर निकलते समय गर्म कपड़े पहनें। सेल्फ मेडिकेशन से बचें। फ्लू के लक्षण होने पर डॉक्टर को जरूर दिखाएं

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