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उत्तराखंडः हरिद्वार में फैला नकली दवाओं का कारोबार, तहकीकात में जुटी पुलिस

उत्तराखंड में नकली दवाओं का जाल फैल रहा है। राज्य में बीते कुछ साल में अलग -अलग जगह पचास लोग नकली दवा बनाते हुए पकड़े जा चुके हैं। ऐसे लोगों पर औषधि विभाग ने एफआईआर भी कराई। हालांकि इनमें से कई लोग सुबूतों के अभाव में छूट जा रहे हैं और वे फिर नकली दवा बनाने के काम में लग जा रहे हैं।

सरकार ने विधानसभा में पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी है। हरिद्वार जिले में नकली दवा का कारोबार खूब फलफूल रहा है। हर साल रुड़की व आसपास के क्षेत्र में नकली दवाओं की फैक्ट्री पकड़ी जा रही हैं। औषधि विभाग और पुलिस इस काम में संलिप्त लोगों पर कार्रवाई करते हैं लेकिन नकली दवाइयों का नेटवर्क पूरी तरह नहीं टूट पा रहा है।

हाल में संपन्न हुए विधानसभा सत्र में बसपा विधायक मो.शहजाद ने सरकार से नकली दवा बनाने वालों पर की गई कार्रवाई के संदर्भ में जानकारी मांगी गई थी। इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने बताया कि विभाग की ओर से अलग-अलग क्षेत्रों में 50 लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कराए गए हैं।

औषधि विभाग के पास इंस्पेक्टरों की भारी कमी

राज्य में नकली दवाओं को पकड़ने का जिम्मा जिस विभाग के पास है, उसके पास ड्रग इंस्पेक्टरों व कर्मचारियों की भारी कमी है। सरकार ने पूर्व में विभाग के नए ढांचे को मंजूरी दी थी पर अभी तक नई भर्ती नहीं हो पाई है। विभाग में पास 40 ड्रग इंस्पेक्टर होने चाहिए लेकिन अभी महज नौ ड्रग इंस्पेक्टर कार्यरत हैं। पूर्व में ड्रग इंस्पेक्टरों की भर्ती चिकित्सा चयन बोर्ड से कराने का प्रस्ताव था लेकिन उसे मंजूरी नहीं मिल पाई थी। अब लोक सेवा आयोग से यह भर्ती कराने का निर्णय लिया गया है, जिसमें समय लगना तय है।

नकली दवा बनाने-बेचने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। औषधि विभाग के ढांचे को बढ़ाने के साथ ही दवा की जांच को आधुनिक लैब तैयार हो रही है। ड्रग इंस्पेक्टरों की स्थायी नियुक्ति तक हम दूसरे विभागों और प्रदेशों से व्यवस्था कर रहे हैं।
डॉ.धन सिंह रावत, स्वास्थ्य मंत्री

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