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हेलमेट पहनने के बाद भी कट सकता है 2000 रुपये का चालान, आप न करें ये गलती

दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट आपके जीवन की सुरक्षा करता है। लेकिन भारत में अक्सर लोग इसे बोझ मानते हैं। यही कारण है के मोटर व्हीकल एक्ट के तहत टू-व्हीलर चलाते वक्त हेलमेट पहनना अनिवार्य है किया गया है। मजबूरी के चलते लोग हेलमेट पहन तो लेते हैं, लेकिन सिर्फ चालान के डर से न कि अपने जीवन की सुरक्षा करने के लिए।

यही ध्यान में रखते हुए कानून में हेलमेंट पहनने के लिए भी तय नियम लागू किए गए हैं। ऐसे में यदि आप हेलमेट पहने भी हैं तब भी इन नियमों को न मानने पर आपको भारी भरकम चालान भरना पड़ सकता है। नए मोटर व्हीकल एक्ट में भी हेलमेट के नियम न मानने पर भारी चालान की व्यवस्था की गई है।

हेलमेट की स्ट्रैप बंद न करने पर कटता है चालान 

मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार, आप यदि मोटरसाइकिल या स्कूटर चलाते समय यदि हेलमेट लगाते हैं लेकिन उसकी स्ट्रैप बांधना भूल जाते हैं तो यह भी दंड का कारण बन सकता है। नियम 194डी एमवीए के अनुसार बाइक या स्कूटर चलाने वाले का 1000 रुपये का चालान काट दिया जाएगा।

हेलमेट BIS सर्टिफाइड जरूर हो

मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार हेलमेट हमेशा बीआईएस सर्टिफाइड होना चाहिए। यदि आप कोई सस्ता हेलमेट खरीदते हैं जो बीआईएस सर्टिफाइड नहीं है, तो समझ लीजिए आपका चालान कटना तय है। बिना बीआईएस हेलमेट पहनने पर 194डी एमवीए के अनुसार ₹1000 से ज्यादा का सामना जुर्माना भरना पड़ सकता है। बिना बीआईएस के हेलमेट आपके सिर की सुरक्षा नहीं कर पाते और दुर्घटना के वक्त अक्सर टूट जाते हैं। ऐसे में सिर्फ चालान के लिए ही नहीं बल्कि अपने लिए भी अच्छा हेलमेट पहनिए।

टूटे हेलमेट पर भी चालान 

हेलमेट आपके जीवन की सुरक्षा के लिए है। ऐसे में यदि आप डिफेक्टिव या फिर टूट हेलमेट पहनते हैं तो यह आपके किसी काम का नहीं है। यही समझाने के लिए ट्रैफिक पुलिस आपका 1000 रुपये का चालान काट सकती है।

बिना BIS हेलमेट बेचना भी गैर कानूनी 

केंद्र सरकार ने दो साल पहले हेलमेट के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस)-प्रमाणित हेलमेट को अनिवार्य किया था। इसके तहत बिना बीआईएस प्रमाणित हेलमेट का निर्माण और बिक्री भी अपराध होगी।

बच्चों के लिए भी हेलमेट जरूरी 

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने हाल ही में सेफ्टी रूल्स को अपडेट करते हुए टू-व्हीलर पर चार साल से कम उम्र के बच्चों को ले जाने के लिए नए नियम बनाए थे। इसके तहत स्कूटर या बाइक पर बच्चे को ले जाते समय हेलमेट और हार्नेस बेल्ट जरूरी है। इसके अलावा टू-व्हीलर की स्पीड 40 किमी प्रति घंटा से ज्यादा नहीं हो सकती।

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