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एंड्रयू साइमंड्स: एक सफल और विवादित ऑलराउंडर, जो विवादों में रहकर भी साबित हुए लीजेंड

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व खिलाड़ी एंड्रयू साइमंड्स की हाल ही में एक कार दुर्घटना मे मृत्यु हो गई। साइमंड्स मात्र 46 साल के थे। एंड्रयू के जाने के बाद क्रिकेट जग़त मे शोक का माहौल है। एंड्रयू साइमंड्स एक साधारण क्रिकेटर नहीं थे। जितना गहरा नाता उनका विवादों से रहा है उतने ही वोअद्भुत क्रिकेटर में से एक थे।

साइमंड्स को रॉय के नाम से भी जाना जाता था

साइमंड्स को रॉय के नाम से भी जाना जाता था। वह दो बार की विश्व कप (2003, 2007) की विजेता टीम ऑस्ट्रेलिया के भी हिस्सा थे। एंड्रयू साइमंड्स का जन्म 9 जून 1975 में इंग्लैंड के बर्मिंघम में हुआ। वह एक गोद लिये हुए बच्चे थे। इंग्लैंड में जन्में पर बाद में साइमंड्स अपने घर वालों को साथ ऑस्ट्रेलिया में बस गए । उनको स्कूल के समय से खेलो में रुची थी। क्रिकेट में उनका पहला अनुभव उनके पिता से हुआ, जो इस खेल के प्रति जुनूनी थे।

वह आक्रामक बल्लेबाजों और पार्ट टाईम स्पिनरों में से एक थे

बचपन में साइमंड्स के पिता उनको बॉल थ्रो डाउन कराए करते थे। वह आक्रामक बल्लेबाजों और पार्ट टाईम स्पिनरों में से एक थे। उनके माता पिता वेस्टइंडीज और इंग्लैंड निवासी थे तो उनको पास एक विकल्प था कि वह कहीं से भी खेल सकते थे पर साइमंड्स ने ऑस्ट्रेलिया से खेलने का निर्णय लिया ।

श्रीलंका के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया।

साइमंड्स ने 1998 में पाकिस्तान के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान तीसरे वनडे में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना पहला कदम रखा। उनके कैरियर का शुरुआती दौर अच्छा नहीं रहा जिसके कारण वह टीम से अंदर बाहर होते रहते थे। लेकिन उन्हें 2003 क्रिकेट विश्व कप में खेलने का मौका मिला क्योंकि चोट के कारण शेन वॉटसन को टीम से बाहंर होना पड़ा। उन्होंने 2004 में श्रीलंका के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया।

एशीज सीरीज में ऑस्ट्रेलिया को जिताने में उनका बहुत बड़ा हाथ था

2006 के एशीज सीरीज में ऑस्ट्रेलिया को जिताने में उनका बहुत बड़ा हाथ था । वह एक महान बल्लेबाज तो थे, लेकिन साथ में एक अद्भुत क्षेत्ररक्षक भी थे। 2006 में चैंपियन ट्रॉफी जो ऑस्ट्रेलिया ने जीती उसके भी वह हिस्सा थे। साइमंड्स इंडियन प्रीमियर लीग में भी खेले और 2008 में 1.8 मिलियन डॉलर में खरीदे गए , जो लीग का दूसरा सबसे बड़ा वेतन था। लेकिन उनका शानदार करियर विवादास्पद व्यवहार, शराब के दुरुपयोग और नस्लवादी ताने सहित अंधेरे भरा हुआ था ।

एक घटना में, दर्शकों ने 2007 में वडोदरा, नागपुर और मुंबई में भारत के खिलाफ एक दिवसीय श्रृंखला के दौरान स्टैंड से बंदरों की आवाजें सुनाईं। 2008 में ,भारतीय स्पिन गेंदबाज हरभजन सिंह ने एससीजी में दूसरे टेस्ट के तीसरे दिन साइमंड्स का सामना करने के बाद कथित तौर पर नस्लीय अपमान किया। साल 2008 में ऑस्ट्रेलियाई टीम बांग्लादेश के दौरे पर थी। यहां टीम की एक अहम मीटिंग चल रही थी, जिसमें सीरीज से जुड़े तैयारियों पर चर्चा हो रही थी। इस दौरान साइमंड्स कहीं मछली पकड़ने में व्यस्त थे ।

2012 में क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लिया

साल 2009 में टी20 विश्व कप खेलने के लिए साइमंड्स ऑस्ट्रेलियाई टीम के साथ इंग्लैंड में गए थे। यहां, उन्होंने शराब पीकर एक क्लब में घंटों तक समय बिताया था। इसके बाद वो चैरिटी डिनर समारोह में नशे की हालत में पहुंच गए थे। बाद में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड से बात करके उन्हें वापस ऑस्ट्रेलिया भिजवा दिया। साइमंड्स को सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडरों में से एक माना जाता था जो एक आक्रामक दाएं हाथ के बल्लेबाज के रूप में खेलने और ऑफ स्पिन गेंदबाजी करने में सक्षम थे। साइमंड्स ने अंततः अपने पारिवारिक जीवन पर ध्यान देने के लिए फरवरी 2012 में क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया । उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लिए 26 टेस्ट मैच खेले और दो शतक लगाए, लेकिन उन्हें सीमित ओवरों के खिलाड़ी के रूप में जाना जाता था। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लिए 198 एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेले और दो विश्व कप जीते।

उनकी मृत्यु के बाद, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने साइमंड्स को ‘अपने अंतरराष्ट्रीय खेल करियर के चरम के दौरान एक नायक और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के सबसे बड़े ऑलराउंडरों में से एक’ बताया । एक खिलाड़ी के रूप में संन्यास लेने के बाद, साइमंड्स एक लोकप्रिय कमेंटेटर बन गए थे ।

by – Mohan Singh Bisht

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