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Deoghar Ropeway Accident: आसमान और ज़मीन के बीच फंसी कई ज़िंदगियां, 2 की मौत

झारखंड के देवघर में त्रिकुट पहाड़ के रोप-वे पर हादसे में 24 घंटे बाद भी 21 जिंदगियां फंसी हुई हैं। इन्हें निकालने के लिए सेना, वायुसेना और NDRF ने मोर्चा संभाला हुआ है। सोमवार दोपहर 12 बजे MI-17 हेलिकॉप्टर की मदद से दोबारा रेस्क्यू शुरू किया गया। अब तक 27 श्रद्धालुओं को बचाया गया। अब तक दो लोगों की मौत हो गई।

रविवार की शाम 4 बजे हादसा तब हुआ जब पहाड़ पर बने मंदिर की तरफ एक साथ 26 ट्रॉलियां रवाना कीं। जिससे तारों पर अचानक लोड बढ़ा और रोलर टूट गया। तीन ट्रॉलियां पहाड़ से टकरा गईं। इससे दो ट्रॉलियां नीचे गिर गईं। इनमें सवार 12 लोग जख्मी हो गए और दो लोगों की मौत हो गई। उधर, बाकी ट्रॉलियां आपस में टकराकर रुक गईं। अभी कुछ ट्रॉलियां फंसी हुई हैं, जिसमें अब भी 21 श्रद्धालु सवार हैं। इनमें छोटे बच्चे और महिलाएं भी हैं।

देवघर SP सुभाष चंद्र जाट के मुताबिक ‘अगले 3 घंटे में सभी लोगों को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा। हमारी पहली प्राथमिकता लोगों को बाहर निकालना तथा राहत और बचाव कार्य में लगे लोगों को सुरक्षित रखना है। दोनों मोर्चों पर रणनीति बनाकर एक साथ काम हो रहा है।’

डर खत्म करने एक-दूसरे से बात करते रहे करीब 48 लोग पूरी रात इन ट्रॉलियों में भूखे-प्यासे फंसे रहे। रेस्क्यू किए गए लोगों ने बताया कि डर खत्म करने के लिए हम एक दूसरे से बात करते रहे। हम सभी पूरी रात सो नहीं पाए। भगवान से प्रार्थना कर रहे थे कि कैसे भी हम बच जाएं।

सोमवार सुबह सेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। सुबह करीब साढ़े छह बजे वायु सेना का हेलिकॉप्टर पहुंचा। इसमें कमांडो भी मौजूद थे। रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करने से पहले हवाई सर्वे किया गया। केबिन में फंसे लोगों तक खाने का पैकेट पहुंचाने की कोशिश हुई।

बता दें कि रविवार शाम को मोहनपुर के त्रिकुट पहाड़ पर स्थित रोप-वे का अचानक तार टूट जाने से रोप-वे जहां-तहां अटक गया। इससे रोप-वे में बैठे लोगों में अफरा-तफरी मच गई। वहीं स्टेशन के पास दो ट्रॉली टूट गई। ट्राली के अटक जाने से दर्जन भर यात्री घायल भी हुए, जबकि एक महिला यात्री सुमंती देवी(55) की मौत भी हो गई। रोप-वे पर लगभग 100 लोग सवार थे। घटना रविवार शाम 4 बजे की है। तार के व्हील से हट जाने से रोप-वे की कुल 26 ट्रॉली जहां-तहां फंस गईं। उसमें सवार लोग परेशान हो गए।

देर शाम तक लगभग 10 ट्रॉली से यात्रियों को उतार लिया गया था। वहीं अन्य ट्रॉली से भी यात्रियों के उतारने को लेकर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी था। घटना की जानकारी मिलते ही डीसी मंजूनाथ भजंत्री एवं एसपी भी मौके पर पहुंच गए थे। इस हादसे में लगभग 100 यात्री फंस गए थे। बता दें कि त्रिकुट पहाड़ पर रोप-वे की लंबाई 848 मीटर है। यह झारखंड-बिहार का सबसे ऊंचा रोप-वे है।

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