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हैवानियत की हदें पार: टीचर ने किया 13 स्टूडेंट्स से रेप , 8 हुईं गर्भवती, मिली ये सज़ा

 

इंडोनेशिया से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहाँ एक टीचर को 13 नाबालिगों छात्राओं के साथ बलात्कार करने और उनमें से कम से कम 8 को गर्भवती करने का दोषी पाया गया है। इंडोनेशिया के एक कोर्ट ने 13 नाबालिगों से रेप के आरोपी को दोषी करार दिया। अदालत ने उसे ताउम्र जेल में रहने की सजा सुनाई है।

सरकारी वकील ने अदालत से हैरी को सजा-ए-मौत देने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने सरकारी वकील की दोनों मांगें ठुकरा दीं। इंडोनेशिया में रेप के दोषियों को दवा के जरिए नपुंसक बनाए जाने की सजा भी दी जा सकती है। लेकिन इस मामले में 36 साल के आरोपी हैरी विरवान को राहत दी गई है। कोर्ट ने कहा- हैरी की हैवानियत की सजा यही है कि वो पूरी उम्र अब जेल में काटे। उसे नपुंसक बनाने की जरूरत नहीं है। हम उसे यह सजा नहीं दे रहे हैं।

यह सजा बांडुंग जिले की एक अदालत ने मंगलवार को सुनाई। इसे देश के सबसे बड़े केस में से एक माना जा रहा है। हैरी कितना खतरनाक रेपिस्ट है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2016 से गिरफ्तारी तक उसने 13 नाबालिग लड़कियों से रेप किया।

दोषी एक इस्लामिक बोर्डिंग स्कूल में टीचर था। कोर्ट ने साफ कर दिया कि हैरी को किसी भी सूरत में पेरोल की सुविधा नहीं मिलेगी। आदेश में कहा गया- उसे नपुंसक बनाने या सजा-ए-मौत देने का कोई आधार नहीं है। दोषी को सजा के अलावा विक्टिम्स को करीब 27 लाख रुपए का हर्जाना भी देना होगा। हैरी ने अदालत से माफी की मांग करते हुए कहा- मैं अपने परिवार में कमाने वाला इकलौता आदमी हूं। पत्नी के अलावा तीन बच्चे हैं।

‘जकार्ता टाइम्स’ के मुताबिक, देश के कानूनों को देखें तो यह सजा ज्यादा नजर आती है। आमतौर पर बाल यौन शोषण के दोषियों को किसी भी मामले में 15 साल से ज्यादा की सजा नहीं दी जाती। जहां तक नपुंसक बनाए जाने की बात है तो यह कानून 2016 में बनाया गया था। तब बेंगकुलु नामक शहर में एक टीनएज गर्ल के साथ गैंगरेप हुआ था और देश में कई जगह विरोध प्रदर्शन हुए थे। सोशल एक्टिविस्ट्स इन कानूनों को कम बताते हैं। उनका कहना है कि इंडोनेशिया उन देशों में शुमार है, जहां हर साल बच्चों के साथ यौन अपराध के काफी मामले सामने आते हैं।

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