Main Slideप्रदेशराष्ट्रीय

Karnataka Hijab Case: मध्य प्रदेश के स्कूलों में भी बैन होगा हिजाब, स्कूल शिक्षा मंत्री ने दिया बड़ा बयान

Karnataka Hijab Case: मध्य प्रदेश के स्कूलों में भी बैन होगा हिजाब, स्कूल शिक्षा मंत्री ने दिया बड़ा बयान

कर्नाटक के बाद अब मध्य प्रदेश के स्कूलों में भी हिजाब बैन किया जाएगा। प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने यह बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हिजाब यूनिफॉर्म कोड का हिस्सा नहीं है। हम अनुशासन को प्राथमिकता देंगे, इसलिए स्कूलों में सभी विद्यार्थियों का एक ड्रेस कोड होगा।

स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि ”हिजाब यूनिफॉर्म कोड का हिस्सा नहीं है, इसलिए अगर कोई पहनकर स्कूल में आता है, तो उस पर प्रतिबंध लगेगा। इसलिए प्रदेश के सभी स्कूलों में एक ही ड्रेस कोड लागू होगा। जिसका पालन सभी विद्यार्थियों को करना होगा। सभी विद्यार्थियों में समानता का भाव रहे अनुशासन रहे यह हमारी कोशिश है, क्योंकि गणवेश से स्कूल की पहचान होती है।”

स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में आगामी सत्र से एक ड्रेस कोड के नियम पर स्कूल शिक्षा विभाग काम कर रहा है। अगले ही सत्र से गणवेश की पूरी सूचना जारी कर दी जाएगी। ताकि समय से सभी विद्यार्थी अपनी गणवेश तैयार करा लें।

बता दें कि कर्नाटक में हिजाब पर विवाद जारी है, इस विवाद की शुरुआत 1 जनवरी को हुई थी। कर्नाटक के उडुप्पी में 6 मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनने की वजह से कॉलेज के क्लास रूम में बैठने से मना कर दिया गया था। जिसके के खिलाफ वहीं धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया था। कॉलेज मैनेजमेंट का कहना था कि ये यूनिफॉर्म पॉलिसी के खिलाफ है। जबकि हिजाब पहनने वाली लड़कियों का कहना है कि हिजाब पहनने की इजाजत न देना संविधान के अनुच्छेद 14 और 25 के तहत उनके बुनियादी हुकूक के खिलाफ है। जिसके बाद कई मुस्लिम छात्राओं ने हाई कोर्ट में अर्जी लगाई है, जिसमें कहा गया है कि इस्लाम में हिजाब अनिवार्य है, इसलिए उन्हें इसकी अनुमति दी जाए।

कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद की शुरुआत उडुपी के एक कॉलेज से हुई थी। जहां बीते जनवरी में हिजाब पर बैन लगा दिया गया था। हिजाब पहने हुई छात्राओं को गेट पर रोक दिया गया था। इसके बाद एक छात्रा ने कर्नाटक हाई कोर्ट में ये कहते हुए याचिका दायर की कि हिजाब पहनने की अनुमति ना देना असंवैधानिक है। जिसके बाद ये विवाद बढ़ गया है।

Tags
Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close