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रोज़ाना करें ये आसन, चुटकियों में दूर हो जाएंगे रोग

 

कपालभाति तनाव दूर करने से लेकर वजन कम करने तक आपके कई फायदे पहुंचाता है। अगर कपालभाति का नियमित अभ्यास किया जाए तो पुराने से पुराना रोग भी चुटकियों में सही हो जाता है। बीमारियों से बचने के लिए कपालभाति जरूर ट्राई करना चाहिए। अपने इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने के लिए नियमित रूप से इसका अभ्यास कर सकते हैं।

कपालभाति योग षट्कर्म (हठ योग) की एक विधि (क्रिया) है। संस्कृत में कपाल का अर्थ होता है माथा या ललाट और भाति का अर्थ है तेज अर्थात ‘कपाल भाति’ वह प्राणायाम है, जिससे मस्तिष्क स्वच्छ होता है और इस स्थिति में मस्तिष्क की कार्यप्रणाली सुचारु रूप से संचालित होती है।

योगा मैट पर बैठ कर अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें।
इसके बाद अपने हाथों को घुटनों पर रखें और गहरी लंबी सांस लें।
अब सांस छोड़ते हुए धीमी गति से पेट को अंदर की ओर खींचे।
अपनी नाभि को अंदर की ओर खींचे और कुछ सेकेंड में सांस छोड़ दें।
आप इसे एक बार में इसे 35 से लेकर 100 बार करें।
एक राउंड खत्म होने के बाद आराम करें।
धीरे धीरे करके इस आसान की समयावधि बढ़ाएं।
कपालभाति करने के बाद थोड़ी देर तक ताली बजाएं।

फायदे

कपालभाति करने से याददाश्त बढ़ती है और दिमाग भी तेजी से काम करता है।
ये प्राणायाम शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मददगार है।
इसे नियमित करने से खिलाड़ियों के अंदर खेल-कौशल में वृद्धि होती है।
अस्थमा रोगियों को इस प्राणायाम के करने से बहुत ही राहत मिलती है।
खास बात ये है कि यह आंखों के नीचे के काले घेरों को भी ठीक करता है।
इसे नियमित करने से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है और वजन कम होने लगता है।
इस प्राणायाम को करने से नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है।

इन बातों को रखें याद

कपालभाति प्राणायाम को करते हुए इस बात का ध्यान रखें की आपके द्वारा ली गई हवा एक ही झटके में बाहर आ जाए। इस प्राणायाम को करते समय आपको यह सोचना है कि आपके सारे नकारात्मक तत्व शरीर से बाहर जा रहे हैं।

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