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काशी विश्वनाथ धाम में एक ईंट भी नहीं रखवाने वाले अखिलेश यादव श्रेय लेने के लिए कूदे: सिद्धार्थनाथ सिंह

लखनऊ। राज्य सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव सपने में जीने के आदी हैं और वह अब भी सपने से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। सपने में उन्होंने यूपी को लंदन बना दिया था। हर काम में रोड़ा अटकाने वाले चुनाव नजदीक देख डबल इंजन की सरकार के हर काम का श्रेय लेने में लगे हैं।

यह बातें उन्होंने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में कहीं। उन्होंने कहा कि हकीकत यह है कि सपनाजीवी अखिलेश यादव ने प्रदेश को रसातल में पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी। योगी सरकार ने प्रदेश में जितने काम किए हैं, उन सभी को सपने में अखिलेश ने शुरू किया था। अखिलेश 2022 का भी सपना देख रहे हैं, लेकिन उनका यह सपना पूरा नहीं होने वाला है। अखिलेश राज की गुंडागर्दी, अराजकता और तुष्टीकरण की राजनीति को जनता भूली नहीं है।

उन्होंने सपा मुखिया पर तंज कसते हुए कहा कि मुगलकाल में जो भी कार्य हुए हैं, लाल किले से लेकर ताजमहल और कुतुबमीनार भी उन्होंने बनवाया था। आखिर, अब्बा जान और चचा जान भी तो उनके अपने ही हैं। उन्होंने कहा कि काशी विश्वनाथ धाम को भव्य और दिव्य रूप दिलाने का कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया है। आठ मार्च 2019 को प्रधानमंत्री ने काशी विश्वनाथ धाम का शिलान्यास किया था और काशी को सांस्कृतिक शहर का रूप दिलाने के लिए सीएम योगी ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। अब जब काशी विश्वनाथ धाम भव्य और दिव्य रूप में बनकर तैयार हो गया है, तो एक ईंट भी नहीं रखवाने वाले अखिलेश यादव श्रेय लेने के लिए कूद पड़े हैं।

सपनाजीवी अखिलेश बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे और गंगा एक्सप्रेस वे का भी ले सकते हैं श्रेय: सिंह

उन्होंने कहा कि सपा मुखिया को श्रेय लेने की लत है। इसी कारण जनता ने उन्हें सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया। उन्होंने कहा कि सपनाजीवी अखिलेश कल को यह भी कह सकते हैं कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे और गंगा एक्सप्रेस वे का कार्य उनकी सरकार में शुरू हुआ था। इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बलरामपुर में जनसभा में कहा था कि मुझे तो संदेह है कि अभी कुछ लोग ये न कह दें कि मोदी जी इस योजना का फीता तो हमने काटा था। हो सकता है कि बचपन में उन लोगों ने इसका फीता काटा हो। कुछ लोगों की प्राथमिकता फीता काटना हो सकती है, लेकिन हम लोगों की प्राथमिकता योजनाओं को पूरा करना है।

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