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कमज़ोर शरीर होने के बावजूद कर रहे हैं युवाओं को प्रेरित, जानिये देश के पहले मतदाता श्याम सरन नेगी के बारे में

 

ये कहानी है 104 साल के श्याम सरन नेगी की जिन्हें देश का पहला मतदाता कहा जाता है। झुर्रियों से भरा चेहरा और कमज़ोर शरीर होने के बावजूद एक बार फिर वह अपने मताधिकार का इस्तेमाल करके मजबूत लोकतंत्र का संदेश देने जा रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में रहने वाले श्याम सरन सिंह के स्वागत के लिए मतदान केंद्र को विशेष रूप से सजाया गया है।

कल्पा में वोट डालेंगे

मंडी संसदीय उपचुनाव में देश के पहले मतदाता श्याम सरण नेगी कल्पा में वोट डालेंगे। प्रशासन की ओर से रेड कारपेट बिछाकर और किन्नौरी वेशभूषा में पारंपरिक वाद्ययंत्रों के साथ किन्नौरी टोपी और मफलर पहनाकर उनका भव्य स्वागत किया जाएगा। 104 साल के श्याम सरण नेगी ने देश के वोटर्स और खासकर युवाओं से अपील की है कि लोकतंत्र के इस महापर्व में सभी को अवश्य मतदान करना चाहिए।

कौन है श्याम सरन नेगी और कैसे बने वो देश के पहले मतदाता

श्याम सरन नेगी का जन्म एक जुलाई, 1917 को हिमाचल प्रदेश के कल्पा में हुआ था। उन्होंने पहला वोट 25 अक्तूबर, 1951 को अंग्रेज़ों का शासन खत्म होने के बाद पहले चुनाव में डाला था। देश के पहले आम चुनाव के पहले मतदाता हैं। नेगी उस वक्त पास के गांव मूरांग में स्कूली शिक्षक थे, लेकिन वे अपने गांव कल्पा के वोटर थे।

एक भी चुनाव मिस नहीं किया

श्याम सरन नेगी की 1952 के आम चुनाव में उनकी ड्यूटी चुनाव में लगी हुई थी। इसी दौरान उन्होंने अपना पहला वोट दिया था। बाद में पता चला कि वह पूरे देश में आम चुनाव में वोट डालने वाले पहले मतदाता हैं। अपनी शारीरिक तकलीफों के बावजूद वह लोकतंत्र के इस पर्व में भाग लेने को बेहद उत्साहित है और युवाओं को भी प्रेरित कर रहे हैं। बता दें कि भारत के पहले वोटर श्याम सरन नेगी ने 25 अक्तूबर, 1951 को पहली बार वोट देने के बाद से एक भी चुनाव मिस नहीं किया।

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