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प्रेगनेंसी के दौरान कोरोना वैक्सीनेशन से मां के साथ-साथ बच्चे को भी मिलेगी संक्रमण से सुरक्षा, वैज्ञानिको का दावा

नई दिल्ली: कोरोना से बचाव के लिए तमाम अध्ययनों में वैक्सीनेशन को सबसे प्रभावी और आवश्यक उपाय बताया जा रहा है। अध्ययनों से मिले सकारात्मक परिणाम के आधार पर हाल ही में सरकार ने देश में गर्भवती महिलाओं को भी टीकाकारण कराने की अनुमति दे दी है। हालांकि अब भी तमाम तरह के डर के कारण ज्यादातर गर्भवती महिलाएं वैक्सीनेशन कराने से डर रही हैं। इस बीच गर्भावस्था में कोविड वैक्सीन के प्रभावों को लेकर अध्ययन कर रही वैज्ञानिकों की टीम को बेहद महत्वपूर्ण बात पता चली है। अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि गर्भावस्था के दौरान एमआरएनए कोविड वैक्सीन लेने वाली महिलाएं, शिशु में उच्च स्तर की एंटीबॉडी पास कर सकती हैं। मतलब एमआरएनए वैक्सीन न सिर्फ उस महिला में कोविड के खतरे को कम करती है, साथ ही यह गर्भ में पल रहे शिशु को भी कोरोना से सुरक्षित रखने में सहायक हो सकती है।

अमेरिकन जर्नल ऑफ ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी एमएफएम में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया कि जिस तरह के परिणाम देखने को मिले हैं, इसे ध्यान में रखते हुए सभी गर्भवती महिलाओं को वैक्सीनेशन जरूर करा लेना चाहिए। बच्चे को कोरोना से सुरक्षित रखने में यह बेहद सहायक हो सकता है।

अध्ययन कर रही वैज्ञानिकों की टीम ने पाया कि फाइजर-बायोएनटेक और मॉडर्ना एमआरएनए वैक्सीन प्रभावशीलता, उच्च मात्रा में एंटीबॉडी और ब्लड प्रोटीन के उत्पादन को ट्रिगर करने के साथ व्यक्तियों को संक्रमण से बचाने में सक्षम हैं। क्या मां के वैक्सीन लगवाने से बच्चे भी सुरक्षित हो सकते हैं? इस बार में जानने के लिए अध्ययन कर रही वैज्ञानिकों की टीम को अच्छे और सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि कोविड वैक्सीन, मां और गर्भ में पल रहे शिशु, दोनों को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखने में सहायक हो सकती है।

मां से शिशु को मिलने वाली एंटीबॉडी के बारे में जानने के लिए अध्ययनकर्ताओं ने 36 नवजात शिशुओं पर अध्ययन किया। इनकी माताओं को गर्भावस्था के दौरान फाइजर-बायोएनटेक या मॉडर्ना की वैक्सीन लगाई गई थी। अध्ययन के निष्कर्ष में शोधकर्ताओं ने पाया कि शोध में शामिल सभी बच्चों में जन्म के समय सुरक्षात्मक एंटीबॉडी मौजूद थी। चूंकि एंटीबॉडी का उत्पादन या तो संक्रमण के बाद होता है या फिर टीकों द्वारा ट्रिगर किया जा सकता है, इस आधार पर वैज्ञानिकों का कहना है कि टीकाकरण करा चुकी गर्भवती, बच्चों में कोरोना से सुरक्षा देने वाली एंटीबॉडीज पास कर सकती है।

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