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एनबीआरआई में जल्द शुरू होगी जीनोम सिक्वेंसिंग, आसानी से होगा कोरोना के नए वेरिएंट का परीक्षण

लखनऊ। प्रदेश में कोरोना की पहली और दूसरी लहर पर सुनियोजित नीति से लगाम लगाने वाली योगी सरकार अब तीसरी लहर को लेकर बेहद सजग है। प्रदेश सरकार ने राज्‍य में कोरोना वायरस की जांच के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा का विस्‍तार किया है। नई दिल्ली आईजीआईबी में साढ़े 05 सौ सैंपल की जांच कराई गई जिसमें किसी एक सैंपल में भी कोरोना वायरस के डेल्टा प्‍लस वैरिएंट की पुष्टि नहीं हुई है। कोविड वैरिएंट की पड़ताल में जीनोम सक्वेंसिंग काफी उपयोगी साबित होगी। इसके माध्यम से वायरस कैसा है और किस तरह दिखता है इसकी पूरी जानकारी मिलेगी। सरकार ने प्रदेश में जीनोम सिक्वेंसिंग के दायरे को बढ़ाते हुए बीएचयू, केजीएमयू, सीडीआरआई, आईजीआईबी, राम मनोहर लोहिया संस्‍थान में जीनोम परीक्षण की व्यवस्था की है। लेकिन अब जल्‍द ही नेशनल बोटैनिकल रिसर्च इंस्टिट्यूट (एनबीआरआई) में भी जीनोम सिक्वेंसिंग शुरू होगी जिससे अब प्रदेश में संक्रमण के नए वेरिएंट का परीक्षण आसानी से किया जा सकेगा।

बता दें कि राजधानी लखनऊ के एनबीआरआई में कोरोना की पहली लहर के बाद ही नए वेरिएंट की जांच शुरू की थी। जिसमें 45 सैंपल जांचे गये थे। संभावित तीसरी लहर को देखते हुए अगले दो हफ्तों में यहां फिर से डेल्‍टा प्‍लस वेरिएंट की जांच शुरू की जाएगी। जबक‍ि बीएचयू, केजीएमयू, सीडीआरआई व आईजीआईबी में वायरस के जीनोम परीक्षण प्रक्रिया तेज कर दी गई है। अब जल्‍द ही एनबीआरआई में जीनोम की जांच शुरू होने से जांच प्रक्रिया प्रदेश में रफ्तार पकड़ेगी।

प्रदेश में कोरोना के नए मामले 174, एक्टिव केस 2,946

प्रदेश में बीते चार महीनों में कोरोना संक्रमण के मामले 200 से कम दर्ज किए गए हैं। प्रदेश में बीते 24 घंटों में महज कोरोना के 174 केस नए मामले दर्ज किए गए। सर्वाधिक आबादी वाले उत्‍तर प्रदेश में अब तक 05 करोड़ 75 लाख से अधिक कोविड टेस्ट किए जा चुके हैं। प्रदेश सरकार की चौकासी का नतीजा है कि आज प्रदेश में एक्टिव केस की संख्‍या तीन हजार से कम हो गई है। प्रदेश में एक्टिव केस अब महज 2946 हैं। पिछले 24 घंटों में 02 लाख 37 हजार 783 कोरोना की जांचें की गई। प्रदेश में पॉजिटिविटी दर 0.1 प्रतिशत से भी कम स्तर पर आ चुकी है वहीं, प्रदेश का रिकवरी रेट 98.5 प्रतिशत पहुंच गया है।

प्रदेश में शुरू हुए 121 ऑक्‍सीजन प्‍लांट

उत्तर प्रदेश ऑक्सीजन उत्पादकता के मामले में आत्मनिर्भर हो रहा है। प्रदेश के सभी 75 जनपदों में सवा पांच सौ से अधिक ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं। प्रदेश में 528 ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जाने हैं जिसमें से अब 121 प्लांट क्रियाशील हो चुके हैं। बता दें कि हापुड़, सिद्धार्थनगर और कुशीनगर के ऑक्सीजन प्लांट क्रियाशील किए जा चुके हैं। पहली बार सरकार के साथ निजी संस्थाओं ने आगे बढ़कर यूपी में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने के प्रयास तेज किये हैं। पूर्व में जहां प्रदेश में केवल 25 ऑक्सीजन प्लांट ही स्थापित थे वहीं आज योगी सरकार ने 528 ऑक्सीजन प्लांट को स्थापित करने की प्रक्रिया को जमीनी स्तर पर तेज कर दिया है।

प्रदेश के 30 जनपदों को मिलेगी बीएसएल टू लैब

प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर की संभावनाओं को देखते हुए योगी सरकार ने छोटे जिलों में भी जांच के लिये नई प्रयोगशालाओं की सौगात देते हुए एक ओर प्रदेश में 11 बीएसएल टू लैब की को शुरू करने के निर्देश दिए हैं वहीं प्रदेश के अन्‍य 30 जनपदों में महज तीन से चार माह में नई बीएसएल टू लैब की शुरूआत हो जाएंगी। जिसमें अमरोहा, बागपत, बलरामपुर, बाराबंकी, चंदौली, एटा, उन्‍नाव, फतेहपुर, श्रावस्‍ती, सुल्‍तानपुर समेत 20 अन्‍य जनपदों में तीन माह के भीतर ही बीएसएल टू लैब शुरू हो जाएंगी।

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