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प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत खाद्यान्न वितरण ई-पॉस मशीनों के माध्यम से सम्पन्न कराया जा रहा है: सीएम योगी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्चुअल माध्यम से आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की। सीएम योगी ने कहा कि कोविड का प्रभाव अभी पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है। इसलिए संक्रमण की रोकथाम हेतु निर्धारित गाइडलाइंस का पालन सुनिश्चित किया जाए।

उन्होंने कहा कि सामुदायिक, प्राथमिक एवं उप स्वास्थ्य केंद्रों तथा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के सुदृढ़ीकरण कार्य को गुणवत्तापरक ढंग से निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण कराया जाए। सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सकों सहित अन्य कर्मचारियों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। प्रदेश में कोरोना वैक्सीनेशन की गति बढ़ाने के लिए पर्याप्त संख्या में वैक्सीनेशन सेंटर की स्थापना के साथ ही, वैक्सीनेटर्स का प्रशिक्षण कराया जाए। नए स्थापित वैक्सीनेशन सेंटर पर वेटिंग एरिया तथा ऑब्जरवेशन एरिया की व्यवस्था हो।

सीएम योगी ने कहा कि बरसात का मौसम शुरू हो गया है। वर्षा काल में विभिन्न बीमारियों, इंसेफेलाइटिस, डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया आदि का प्रकोप बढ़ता है। इसके दृष्टिगत संक्रामक रोगों की प्रभावी रोकथाम हेतु कार्य योजना बनाकर पूरी तैयारी कर ली जाए। बाल संरक्षण गृहों की व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए विभागीय मंत्री एवं वरिष्ठ अधिकारीगण इन संरक्षण गृहों का निरीक्षण कर आवश्यक कार्यवाही करें। कोरोना संक्रमण के कारण जिन बच्चों के माता-पिता अथवा विधिक अभिभावक का निधन हो गया है, ऐसे बच्चों के पालन-पोषण व शिक्षा-दीक्षा के लिए प्रदेश सरकार द्वारा ‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ लागू की गई है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत खाद्यान्न वितरण का कार्य ई-पॉस मशीनों के माध्यम से व्यवस्थित ढंग से सम्पन्न कराया जा रहा है। किसानों से MSP के तहत गेहूं क्रय का कार्य 15 जून, 2021 के बाद भी जारी रखा जाए। गेहूं को बारिश में भीगने से बचाने के लिए सुरक्षित भंडारण की प्रभावी व्यवस्था होनी चाहिए। इस संबंध में कोई भी शिथिलता नहीं होनी चाहिए। अब तक 3.2 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को खाद्यान्न वितरित किया जा चुका है। गो-आश्रय स्थलों को सुचारु एवं व्यवस्थित ढंग से संचालित किया जाए। सभी जनपदों में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को जिम्मेदार बनाकर इनकी प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। गो-आश्रय स्थलों पर चारे, पेयजल, साफ-सफाई आदि की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए।

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