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WHO ने योगी सरकार के कोविड प्रबंधन को सराहा, प्रदेश में 10 दिनों में लगभग 1 लाख एक्टिव केस हुए कम

लखनऊ: उत्तरप्रदेश में कोरोना महामारी से निपटने के योगी सरकार के प्रयासों की WHO ने जमकर तारीफ की है। ग्रामीण इलाकों में यूपी सरकार के ट्रेस, टेस्ट तथा ट्रीट के फार्मूला पर काम करने के प्रयास को डब्ल्यूएचओ ने अपनी वेबसाइट पर खुल कर सराहना की है। डब्ल्यूएचओ का मानना है कि भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने गांव में भी जाकर घर-घर लोगों का परीक्षण किया है।

बता दें, डब्ल्यूएचओ ने योगी सरकार के कोरोना प्रबंधन को धरातल पर परखने के लिए प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में 10 हजार घरों का दौरा किया। डब्ल्यूएचओ की टीम ने खुद गांवों में जा कर कोरोना प्रबंधन का हाल जाना। कोरोना मरीजों से उनको मिल रही चिकित्सीय सुविधाओं के बारे में जानकारी हासिल की। यही नहीं डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों ने फील्ड में काम कर रही 2 हजार सरकारी टीमों के कामकाज की गहन समीक्षा भी की है।

डब्ल्यूएचओ ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि किस तरह प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में योगी सरकार सामुदायिक केंद्रों, पंचायत भवनों और स्कूलों में कोरोना मरीजों की जांच और इलाज की सुविधा दे रही है। जिले के हर ब्लाक में कोविड जांच के लिए राज्य सरकार की ओर से दो मोबाइल वैन तैनात की गई हैं। स्वास्थ्य विभाग की 141610 टीमें दिन रात काम कर रही हैं। इस पूरे अभियान पर नजर रखने के लिए  21242 पर्यवेक्षकों की तैनाती की गई है।

उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार दस दिनों में उत्तर प्रदेश में कुल एक्टिव केस 94 हजार घट गए हैं। प्रदेश में 30 अप्रैल को कोरोना वायरस की सेकेंड स्ट्रेन अपने चरम पर थी। 30 अप्रैल को प्रदेश में करीब तीन लाख दस हजार एक्टिव केस थे। अब यह घटकर करीब दो लाख 16 हजार हैं।

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