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शोध में बड़ा दावा, ये तीन वैक्सीन ब्राजील के नए कोरोना वैरिएंट पर भी करेंगी काम

नई दिल्ली। पिछले 1 साल से ज्यादा समय से कोरोना वायरस पूरी दुनिया में तबाही मचा रहा है। हालांकि इसकी वैक्सीन अब तैयार हो चुकी है और लोगों को लगने लगी है लेकिन वायरस के नए वैरिएंट वैज्ञानिकों के लिए बड़ी चुनौती बनकर खड़े हो गए हैं।

हाल ही कोरोना के नए वैरिएंट ने वैक्सीन के प्रभाव पर सवाल खड़े कर दिए हैं। वैज्ञानिकों की चिंता सताने लगी है कि वैक्सीन कहीं नए वैरिएंट पर बेअसर न हो जाए।

इस बीच शोध में एक नया खुलासा हुआ है। तीन अलग-अलग शोधों में यह दावा किया गया है कि अमेरिकी कंपनी फाइजर, चीनी कंपनी सिनोवैक और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन ब्राजील में पाए गए कोरोना के नए स्ट्रेन पर भी असरदार हैं।

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, ब्राजील के फियोक्रूज बायोमेडिकल इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ अधिकारी मौरिसियो जुमा ने सोमवार को कहा, ‘प्रारंभिक अध्ययनों से पता चलता है कि एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कोरोना वायरस के P.1 स्ट्रेन के खिलाफ भी सुरक्षा प्रदान करेगा।’ दरअसल, ब्राजील वाले स्ट्रेन को पी1 स्ट्रेन के नाम से जाना जाता है।

न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, फाइजर और बायोएनटेक की वैक्सीन भी ब्राजील में फैल रहे कोरोना के नए वैरिएंट के खिलाफ असरदार पाई गई हैं। शोध में यह पाया गया है कि वैक्सीन ने संक्रामक P.1 वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन वाले वायरस के खिलाफ असर दिखाया है। इससे पहले ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीकी स्ट्रेन पर भी इसके असरदार होने का दावा किया गया था।

रॉयटर्स के मुताबिक, ब्राजील में किए गए कुछ छोटे-छोटे अध्ययनों के प्रारंभिक डेटा से यह संकेत मिलता है कि चीन की वह वैक्सीन भी ब्राजील के P.1 स्ट्रेन पर असरदार पाई गई है, जिसे सिनोवैक बायोटेक ने विकसित किया है। दरअसल, ब्राजील में टीकाकरण अभियान के तहत इसी वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है।

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